शिवुपरी।
 शासकिय उचित मूल्य की दुकानो पर खादय विभाग के अधिकारियो की साईलेंट 
पार्टनरशिप का काला खेल सामने आया है।बीते रोज एक गांव की राशन की दुकान पर
 पर इलैक्ट्रिोनिक कांटो के युग में पत्थरो के के बाट पकड में आए है। इन 
बाटो में 20 प्रतिशत तक अनाज कम तौला जा रहा था। इसमे सबसे बडी बात यह है 
कि उक्त बाट किसी शासकीय अधिकारी ने नही एक बल्कि् एक समाजसेवी संस्था ने 
पकडे हैं। 
जानकरी के अनुसार चिटोरी खुर्द गांव 
की शासकीय उचित मुल्य की दुकान पर शिवपुरी की जैनिथ संस्था पहुंची,तो उसने 
देखा की गांव के भोले भाले ग्रामीणो को जो राशन दिया जा रहा था वह पत्थरो 
के बाटो से तौल कर देखा जा रहा था। जब संस्था के सदस्यो ने पूछा कि डीजीटल 
कांटे के युग में पत्थरो के बाट,तो सैल्समेन ने कुछ नही कहा। 
बताया
 जा रहा है कि जब संस्था के सदस्यो ने इन पत्थरो के बाटो को तोलकर देखा तो 
पाया कि इन बाटो से लगभग 20 प्रतिशत कम तोल जा रहा था। चिटेारी खुर्द की इस
 शासकीय उचित मुल्य की दुकान से 4 गांव से चिटोरीखुर्द,चिटोरा,महेन्द्रपु रा,चिटोरकंला गांव के ग्रामीणो को राशन दिया जाता है। 
संस्था
 के सदस्यो से ग्रामीणो ने कहां की हमेशा हमे पत्थरो के बाटो से ही तोला कर
 अनाज दिया जाता हैं। अधिकारी भी समय—समय पर जांच करने आते है लेकिन 
उन्होने भी आज तक कोई कार्रवाई नही की हैं। कुल मिलाकर खादय विभाग की मिली 
भगत से कम तौल घोटाला समाने आया है,अगर ग्रामीणो की बात की विश्वास किया 
जाए तो यह समाने आता है कि कम तोल कांड में विभाग की मिली भगत है अब सवाल 
यह भी खडा हो रहा है कि जिले में ऐसी कितनी राशन की दुकाने है जहां आज भी 
पत्थरो से तौल हो रही हैं। 
संस्था की सदस्यो ने 
इस पूरे मामले की शिकायत पूरी साक्ष्यो के साथ की हैं  अब देखना यह है कि 
खादय विभाग अपने पार्टनर पर क्या कार्रवाई करता हैं।
