शिवपुरी। बीते रोज जिले के रन्नौद थाना क्षेत्र के मथना और पिछोर रोड के पास फोरेस्ट के तालाब में मछली पकडने के दौरान एक गोरेलाल आदिवासी की हत्या के मामले में अब नया खुलासा हुआ है। इस घटना के दौरान गोरेलाल के साथी को आरोपी हत्या के बाद पकडकर कांग्रेसी नेता के घर ले गए थे और वहां उसे डराकर किसी को बताने पर उसकी भी हत्या की बात कहकर युवक को छोडा था। इस मामले की शिकायत युवक ने रन्नौद थाने में की है। हांलाकि पुलिस ने महज दो लोगों को ही इस मामले में आरोपी बनाया है। इस मामले में पुलिस ने धनबल धारी कांग्रेसी नेता और सरपंच को अभी इस मामले से दूर रखा है।
जानकारी के अनुसार फरियादी वीरन सिंह आदिवासी पुत्र दयाराम आदिवासी ने पुलिस थाना रन्नौद में शिकायत करते हुए बताया है कि वह अपने मामा गोरेलाल आदिवासी और गांव के ही रायसिंह आदिवासी और धनीराम आदिवासी के साथ शाम को लगभग 5 बजे घर से मछली पकडने निकले थे। चारों मछली पकडने फोरेस्ट के तालाब पर पहुंचे और जाल विछाकर मछली पकडने लगे। तभी मौके पर अमित केवट और विजय रजक आ गए और चारों को गालीयां देने लगे।
गालीयां देते हुए दोनों ने गोरेलाल की कनपटी पर कटटा अडा दिया। उसके बाद दोनों आरोपीयों ने गोरेलाल की कनपटी में गोली मार दी। गोली की आबाज सुनकर रायसिंह और धनीराम मौके से भाग गए। वीरन आदिवासी को दोनों आरोपीयों ने जबरन पकड लिया और अपने साथ अपनी बाईक पर लेकर चल दिए। दोनों युवकों ने बाईक पिछोर रोड पर रोकी और प्रत्यक्षदर्शी को धमकी दी कि इस घटना के बारे में किसी को बताया तो तुझे भी जान से मार देंगे।
इस घटना के बाद आरोपी युवक को लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेता और सरपंच नत्थू के घर ले गए। नत्थु कांग्रेसी नेता जयकिशन केवट के पिता है। जहां पहुंचकर आरोपीयों ने युवक की किसी से फोन पर बात कराई। जिसपर युवक से मतक का नाम पूछा। जब युवक ने नाम नहीं बताया तो आरोपीयों ने उसके साथ भी मारपीट करते हुए इस घटना के बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। इस दौरान नत्थू सरंपच अपने 5 साथियों के साथ ही अपने घर पर मौजूद था। उसके बाद आरोपी युवक को लेकर बेदमउ छोड आए।
इस मामले में सबसे अहम बात यह है कि पुलिस ने हत्या के मामले में दोनों आरोपीयों पर मामला दर्ज कर हिरासत में तो ले लिया। परंतु यह सवाल अब खडा हो गया है कि इस मामले में पुलिस ने सरपंच सहित फोन पर बात कराने बाले युवक को छोड दिया है।
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