शिवपुरी।
नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए लंबे समय बाद मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया
(एमसीआई) का दल पहली बार शिवपुरी आया। सोमवार को पहले दिन जिला अस्पताल
सहित निर्माणाधीन कॉलेज बिल्डिंग व हॉस्टल बिल्डिंग का निरीक्षण किया।
दूसरे दिन मंगलवार को मेडिकल कॉलेज पहुंचकर बंद कमरे में बैठकर पूरे दिन
कागज खंगाले और रिपोर्ट तैयार की। यह रिपोर्ट एमसीआई दिल्ली में सौंपी
जाएगी। उसके बाद ही मेडिकल कॉलेज शिवपुरी के लिए लेटर ऑफ परमिशन जारी हो
सकेगी।
निरीक्षण के निर्धारित मापदंडों में से
जिन बिंदुओं पर कमी मिली उनमें सुधार के लिए चार से छह महीने अगले निरीक्षण
के लिए चार से छह महीने का समय दिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार निरीक्षण
में एमसीआई टीम को आईसीयू चालू नहीं मिला। टीचिंग स्टाफ के हिसाब से
फेकल्टी के रूप में मेडिसिन में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर व असिस्टेंट
प्रोफेसर की कम हैं। इसी तरह सर्जरी, मेडिसिन व अन्य क्लीनिकल विभागों में
जूनियर रेजिडेंट व सीनियर रेजिडेंट की भी कम है।
मेडिसिन
में कमी को देखते हुए मेडिकल कॉलेज ग्वालियर से प्रोफेसर, एसोसिएट
प्रोफेसर को शिवपुरी अटैच कर लिया। लेकिन एमसीआई के दल ने निरीक्षण के
दूसरे दिन इसे स्वीकार नहीं किया। उक्त फेकल्टी में आए तीन लोगों को वापस
ग्वालियर लौटना पड़ा। मेडिकल कॉलेज डीन डॉ इला गुजारिया का कहना है कि
फेकल्टी की जल्द व्यवस्था का आईसीयू चालू कराएंगे। एमसीआई जो रिपोर्ट
भेजेगी, उसी आधार पर शेष व्यवस्थाएं जुटाई जाएंगी।
एमसीआई की टीम मेडिकल कालेज का निरिक्षण करती हुई । मेडिकल कॉलेज की जिला अस्पताल से दूरी पर उठा सवाल
एमसीआई दल ने शिवपुरी जिला अस्पताल से मेडिकल कॉलेज की दूरी पर सवाल
उठाया। दल को संतुष्ट करने शासन का मंजूरी आदेश दिखाया जिसमें 300 बिस्तरीय
अस्पताल मेडिकल कॉलेज परिसर में ही बनाया जा रहा है। जिससे टीम संतुष्ट हो
गई। मेडिकल कॉलेज शिवपुरी में 100 सीटों के लिए एमसीआई दल ने
निरीक्षण किया है। लेकिन मप्र शासन ने मेडिकल कॉलेज में 150 सीट कर दी हैं।
एमसीआई दल को फिर से आना पड़ेगा। सीट संख्या बढ़ने से फेकल्टी से लेकर अन्य
स्टाफ व इन्फ्राटेक्चर भी बढ़ाया जाएगा।
जुलाई 2019 से प्रवेश शुरू हाेने की उम्मीद
एमसीआई
के पहले निरीक्षण में लगभग पूर्तियां हो चुकी हैं। जो कमियां रह गईं हैं
उनकी पूर्ति के लिए एमसीआई लेटर जारी करेगी। लेटर ऑफ परमिशन मिलने के बाद
कॉलेज में प्रवेश जुलाई 2019 से शुरू होने की उम्मीद है। बता दें कि पिछली
बार आवेदन में साल 2018-19 की जगह 2017-18 हजार लिख दिया। जिससे एमसीआई
निरीक्षण करने नहीं आ सकी। लेकिन अब सत्र 2019-20 के लिहाज से एमसीआई ने यह
निरीक्षण किया है।
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