शिवपुरी। शिवपुरी जिले में जानलेवा डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बीमारी के 400 मरीज अभी तक सामने आ चुके हैं तथा लगभग आधा दर्जन मौतें हो चुकी हैं। डेंगू से अभिभाषक हेमंत कटारे की 12 वर्षीय सुपुत्री अनुष्का कटारे की जान भी जा चुकी है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग निष्क्रिय और उदासीन बना हुआ है। डेंगू बीमारी की रोकथाम के लिए कांग्रेस और अभिभाषकों ने पृथक-पृथक रूप से प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।
अभिभाषकों ने अल्टीमेटम दिया कि यदि शीघ्र ही डेंगू की रोकथाम के लिए कारगर उपाय नहीं किए गए तो वे आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। वहीं सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने डेंगू के उन्मूलन के लिए कलेक्टर शिल्पा गुप्ता से बातचीत की तथा उनसे प्रभावी कदम उठाने को कहा तथा जिला कांग्रेस अध्यक्ष बैजनाथ सिंह यादव को निर्देशित किया कि मरीजों के स्वास्थ्य लाभ हेतु जो भी जरूरी कदम उठाना हों वह उठाएं तथा जिला प्रशासन के लगातार संपर्क में रहें।
आज जिला कांग्रेस अध्यक्ष बैजनाथ सिंह यादव के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। जिला कांग्रेस अध्यक्ष बैजनाथ सिंह यादव ने बताया कि कलेक्टर ने उनके ज्ञापन पर कार्रवाई करते हुए जिला स्वास्थ्य अधिकारी एवं जिले के अन्य चिकित्सालयों के डॉक्टरों को बुलाकर डेंगू की रोकथाम के संबंध में एवं मरीजों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ हेतु उन्हें निर्देशित किया।
जिला कांग्रेस अध्यक्ष बैजनाथ सिंह यादव ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग की है कि शिवपुरी जिले के जिन डेंगू के मरीजों का उपचार जिला चिकित्सालय में नहीं हो पा रहा है उन्हें अन्य स्थानों पर भेजकर स्वास्थ्य लाभ की व्यवस्था भी जिला प्रशासन को करना चाहिए। वहीं अभिभाषकों ने भी डेंगू के प्रकोप पर स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए ज्ञापन सौंपा और अल्टीमेटम दिया कि शीघ्र ही उपाय नहीं किए गए तो अभिभाषक आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
जिला अभिभाषक के अध्यक्ष स्वरूपनारायण भान और सचिव सुनील कुमार भुगड़ा द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि जिला अस्पताल में डेंगू के मरीजों का समुचित उपचार नहीं हो रहा है। उचित उपचार न मिलने के कारण अभिभाषक कटारे की 12 वर्षीय पुत्री अनुष्का कटारे की मौत हो चुकी है। अभिभाषकों का कहना है कि वर्तमान में अस्पताल में ट्रोमा सेंटर एवं आईसीयू जैसी व्यवस्था होने के बाद भी प्रशासनिक अव्यवस्था के कारण इनका लाभ मरीजों को नहीं मिल रहा है।
जबकि जिला अस्पताल को दो बार पुरुस्कृत किया जा चुका है। दुर्भाग्य की बात यह है कि शिवपुरी में डेंगू जैसी घातक बीमारी की जांच की कोई व्यवस्था नहीं है। शहर की विभिन्न पैथोलॉजियों में मरीज जांच हेतु घंटों इंतजार करते हैं। जांच रिपोर्ट भी विश्वसनीय नहीं है इस कारण मरीजों को आर्थिक हानि भी उठानी पड़ रही है। वर्तमान में कई स्कूलों में तथा अन्य संस्थानों में डेंगू का लार्वा बहुतायत से प्राप्त होने की खबरें सामने आ रही हैं। प्रायवेट स्कूल स्कूलों में न तो बच्चों के लिए पंखों की व्यवस्था है और न ही मच्छरों से बचाव के उपाए है जिससे पालकों में रोष पनप रहा है।
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