GEETA PUBLIC SCHOOL: बनाया पॉल्यूशन कंट्रोल टॉवर, ऐसे लगेगी प्रदूषण पर रोक | Shivpuri News

शिवपुरी। आज पूरी दुनिया के आगे प्रदूषण एक बड़ी समस्या बना हुआ है फैक्टरी व् व्हीकल्स ने जहां वातावरण प्रदूषित किया है वहीं इसके कारण सोसाइटी में कई तरह की जानलेवा बीमारियां फैल रही है इस प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए जीपीएस के कक्षा 11वीं के छात्र बबीता धाकड़ साक्षी तोमर अथवा कक्षा दसवीं के छात्र संस्कार शर्मा आर्यन खान और जिज्ञासा जैन ने मिलकर बनाया यह प्रोजेक्ट इस टावर से जब पोल्यूटेड धुआ निकाला जाता है हाई वोल्टेज के द्वारा कारबन व् हेवी स्मोक पार्टिकल्स इलेक्ट्रोड में चिपक जाते हैं जिससे हवा को 90% तक शुद्ध कर देते हैं.

कंपोनेंट्स डिटेल-
इस प्रोजेक्ट को बनाने में जो कॉम्पोनेन्ट लगे ह वो इस प्रकार हैं
1. रेजिस्टेंस 
2. डायोड
3. वोल्टेज रेगुलेटर
4. स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर
5. हाई वोल्टेज ट्रांसफार्मर
6. पीसीबी
7. Led
8. Pvc पाइप
9. वुडेन बोर्ड
10. 555 टाइमर ic
11. मॉस्फेट

कैसे बना 30000 किलो वोल्ट-
सबसे पहले हमारे घर में आने वाली सप्लाई को 220 वोल्ट्स 50हर्ट्ज को एक स्टेप डाउन ट्रांसफॉर्मर द्वारा 12 वोल्ट 50 हर्ट्ज में बदला जाता है जोकि हमने फ्रिकवेंसी जनरेटर को दी है इस फ्रीक्वेंसी जनरेटर में हमने हाई वोल्टेज ट्रांसफॉर्मर लगा रखा है जोकि हाई फ्रिकवेंसी मिलने पर ही काम करता है यहां हमने लगभग 6000 हर्टज तक की फ्रिकवेंसी जनरेट की है जोकि सीधे हाई वोल्टेज ट्रांसफॉर्मर को दी जाती है जिससे यह ट्रांसफार्मर 30000 वोल्ट जनरेट करता है इस इलेक्ट्रिसिटी को हम टावर में लगे इलेक्ट्रोड तक पहुंचाते हैं

काम करने का तरीका - 
पॉल्यूशन कंट्रोल टॉवर / चिमनी में एक इलेक्ट्रोड लगाया जाता है जब उसमें से काला धुआं निकलता है धुँए में मौजूद कारबन और हेवी स्मोक पार्टिकल चिमनी में लगे इलेक्ट्रोड से चिपक जाते हैं क्योंकि जो इलेक्ट्रोड है वह पॉजिटिव चार्ज होता है और स्मोक पार्टिकल्स नेगेटिव चार्ज होते हैं जिसके कारण वह अट्रैक्ट हो जाते हैं जिसे हमें पॉल्यूशन फ्री फ्रेश एयर मिलती है

कहां कहां उपयोग किया जा सकता है -
इसको सभी तरह की कारखानों जिनमें से धुआं निकलता है या पोललुटेड एयर निकलती है लगाया जा सकता है मोटर व्हीकल्स में लगाने के लिए अभी इस पर कार्य किया जा रहा है क्योंकि वे सब हिलते हैं अथवा हाई वोल्टेज के कारण दुर्घटना हो सकती है। 
पॉल्यूशन कंट्रोल टावर को बनाने में विद्यार्थियों को यूट्यूब से आइडिया मिला जिसको बनवाने में उनके प्रोजेक्ट टीचर अरुन राजोरे की मदद ली गई।