इमरान अली/कोलारस। शासकीय श्रीमंत विजयराजे सिंधिया सामूहिक स्वास्थ केन्द्र अपनी बेबसी पर आंसू बहा रहा है। कोलारस विधानसभा क्षेत्र का सबसे बड़ा खैराती अस्पताल अफसरो और जिम्मेदारो की अनदेखी और लापरवाही के चलते मूलभूत सुविधाओ को मोहताज होता जा रहा है। सरकारी अस्पतालों में डाक्टरों का टोटा तो नही है लेकिन अस्पताल के प्रभारी और जिले में बैठे जिम्मेदारो का संरक्षण होने के कारण कोालरस शासकीय अस्पताल यहां आने वाले मरीजो के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है।
यहां बतादें की लंबे समय से मरीजो के लिए बुनियादी साम्रगी मरीजो को मुहैया नही कराई जा रही है। साथ ही बीते लंबे समय से अस्पताल में सिंरींज और ड्रिप सेट भी नही है। जिससे अस्पताल में आने वाले मरीजो को ईलाज के लिए बुनियादी साम्रगी भी अस्पताल के बाहर बनी मेडिकलो से खरीदकर लानी पड़ रही है। इसके चलते यहां आने वाले मरीजो का खैराती अस्पताल से मोह भंग हो रहा है। और जगह-जगह झोलाछाप डाक्टरों की पौ बारह है। बिना डिग्री व रजिस्ट्रेशन दर्जनों की संख्या में डाक्टर अपनी-अपनी क्लीनिक खोल कर क्षेत्रीय मरीजों का शोषण कर रहे हैं।
बीएमओ नही रहती मुख्यालय पर, सरकारी गाड़ी से रोज करती है अप डाउन
जब से कोलारस बीएमइओ की कमान अल्का त्रिवेदी ने संभाली ही स्वास्थ केन्द्र आम लोगो के लिए नासून बनता जा रहा है। बताया जाता है महीनो से कोलारस स्वास्थ केन्द्र की बीएमओ की कमान संभाल रही अल्का त्रिवेदी कोलारस मुख्यालय मंे निवास नही करती बताया जाता है कोलारस बीएमओ देर शाम स्वास्थ केन्द्र से सरकारी वाहन से अपनी रवानगी डाल देती है। जिससे सरकारी वाहन का दुरूप्योग तो हो ही रहा है।
जिससे रात में होने वाली महिला मरीजो को परेशानीयो का सामना करना पड़ता है। इसकी शिकायत स्वास्थ समिती कोलारस बैठक में विधायक और एसडीएम के सामने उठी थी की कोलारस बीएमओ निवास स्थन कोलारस नही रहती जिसपर सीएमएचओ ने सभी के सामने बीएमओ को कोलारस मुख्यालय पर रहने को कहा था लेकिन आज दिनांक तक बीएमओ ने अधिकारीयो की बात न मानते हुए कोलारस स्वास्थ केन्द्र पर रात में अनुपस्थित रहती है।
इनका कहना है
परिवार में अचानक तबीयत खराब होने के चलते अस्पताल लेकर पहुंचे तो वहां इंजेक्शन लिखे गए लेकिन जब अस्पताल में इंजेक्शन लगाने के लिए गए तो रात में सिरींज न होने को कहा गया जिसके चलते बाहर मेडिकल से इंजेक्शन खरीदने पड़े।
इसरईल - मरीज के परीजन निवासी कोलारस
में अपनी बच्ची को दिखाने के लिए अस्पताल लेकर आई हुई हूं यहां दवाइयां तो मिल गई लेकिन मुझे सिंरींज नही है ऐसा कहकर बाहर से खरीदने को कहा लाने को भेजा गया है।
किरन बाई - मरीज के परिजन निवासी पूरनखेड़ी
प्रदेश सरकार में अधिकारीयो की अफसरशाही हावी है लोगो को बुनियादी चीजो से दूर कर सामर्गी और राशी का बंदर बांट किया जा रहा है। सरकारी अस्पतालो में बुनियादी चींजे जनता को उपलब्ध न होना गंभीर विषय है यह प्रदेश सरकार और प्रशासन की निरंकुषता है।
योगेन्द्र रघुवंशी - जिला स्वास्थ समीती अध्यक्ष, एवं जिला पंचायत सदस्य
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