सिंधिया का धर्मगुरू जैसा उपदेश: यह सत्य है कि नग्र आए थे नग्र ही जाऐंगें

शिवपुरी। यूं तो शिवपुरी जनोत्थान विकास समिति द्वारा शहर की प्रतिभाओं को सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के करकमलों से सम्मान करने के समारोह को सामाजिक ही कहेंगे। लेकिन इस समारोह में समिति अध्यक्ष राजेश जैन ने जब  सांसद सिंधिया की प्रेरणा से एक अच्छे नागरिक होने का फर्ज निभाते हुए कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा की तो यह बहस अवश्य छिड़ गई क्या यह कार्यक्रम सामाजिक है अथवा इसमें राजनीति की गंध भी महसूस की जा रही है। 

विचार भले ही लोगों के अलग-अलग हो लेकिन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने धारा प्रवाहिक अंदाज में एक राजनेेता से अलग जब एक धर्मगुरू की तरह बोलना शुरू किया तो कार्यक्रम के आलोचक निरूत्तर हो उठे। श्री सिंधिया ने अपने पूरे भाषण में एक-एक शंका का जबाव दिया। लेकिन उनके  भाषण का समापन करने का अंदाज भी बिल्कुल विशिष्ट था। 

वह बोले कि जब हम परवरदिगार के  दरबार में जाएंगे तो यह नहीं पूछा जाएगा कि प्रेम स्वीट्स के राजेश या राकेश ने कितना पैसा कमाया है, या कौन सिंधिया है, कौन प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री है, पूछा यहीं जाएगा कि संसार मेें मैने तुम्हे भेजा है और संसार के खाते में पुण्य की क्या कमाई है। सिंधिया बोले यह सच्चाई है कि सिंधिया हो या प्रधानमंत्री सभी नग्र आए हैं और सभी नग्र जाएंगे।

 लेकिन फिर जाने-जाने में फर्क होता है। किसी के जाने पर आंसू बहते है तो किसी के जाने पर खुशी मनाई जाती है। जब लोग आपके मरने पर रोएं तब मानिए जीवन सार्थक हुआ। सिंधिया के तेजस्वी उदबोधन के बाद पूरे माहौल में सिर्फ एक ही चर्चा थी कि राजनीति सामाजिकता से कहां अलग है। बल्कि सामाजिकता का ही एक रूप राजनीति है। 

सम्मान समारोह में आयोजकगण प्रेम स्वीट्स परिवार ने अपने जनाधार का जलवा दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ा। इस कार्यक्रम को भव्य बनाने मेें जो वह कर सकते थे वह उन्होंने अपनी पूरी सामर्थ के साथ किया। विभिन्न सामाजिक संस्थाओं को जोड़ा और अपने समाज के प्रतिष्ठित सामाजिक बंधुओं राजकुमार जैन जड़ीबूटी वाले, पूर्व नपाध्यक्ष गणेशीलाल जैन, प्रकाश जैन, पवन जैन पीएस होटल को मंच पर लाने में सफल रहे। 

इसके बाद उन्होंने शिवपुरी की प्रतिभाओं और ऐसे सामाजिक लोगों को ढूंढ़ा जो सम्मान के सही हकदार थे। सम्मानित होने वालों में शिवपुरी के आदर्श शिक्षक मधुसूदन चौबे से लेकर अपना घर के संचालकगण (अनाथ, अपंग, विक्षिप्त व्यक्तियों की सेवा), मानवता संस्था (अस्पताल में पांच रूपए में भोजन कराते हैं, प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली आयूषी ढेकुंला, 50 से अधिक बार रक्तदान देने वाले अमित खण्डेलवाल, प्रसिद्ध क्रिकेट खिलाडी कपिल यादव, बैडमिन्टन खिलाड़ी चिंतन गुप्ता और अरमान अली, डॉ. चंद्रशेखर, एडीजे बनी प्रीति श्रीवास्तव, एडीपीओ बनी ममता पाराशर, आईएएस में चयनित अभिनव सक्सैना, शायर आफताब आलम, वृक्षारोपण में सिक्का जमाने वाले ब्रजेश तौमर, पटेल नगर पार्क को सुंदर बनाने के शिल्पी अशोक अग्रवाल जैसे लोग शामिल थे।