पोहरी विधानसभा से यादव समाज में भी उठी टिकिट की मांग

शिवपुरी। विधानसभा क्षेत्र पोहरी में इस बार भाजपा से नए चेहरे की मांग जनता के बीच उठने लगी है। जिसमें स्थानीय जनचर्चा में जातिवाद की अस्वीकार्यता लोगों में धारणा सी बन गई है। इसके अलावा अब क्षेत्र में भाजपा पार्टी से नए चेहरे की तलाश की जा रही है इनमें यदि जातिवाद के नाम पर ढिंढोरा पीटा जाता है तो उसकी कलई जातिगत जनगणना में खुली है। बताया गया है कि ब्राह्मण बाद के नाम पर और धाकड़ बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण यहां ब्राह्मण और धाकड़ प्रत्याशी को ही वजन दिया जाता है बावजूद इसके अब जातिगत जनगणना में जो संख्या उभरकर सामने आई है उसमें करीब 26 हजार यादव समाज के लोग विधानसभा क्षेत्र के रहवासी है। ऐसे में अब यादव समाज से भी नए उम्मीदवार के रूप में आरएसएस और भारतीय किसान संघ से का नेतृत्व करने वाले कल्याण सिंह यादव बंटी का नाम उभरकर सामने आया है वह वर्तमान में यादव महासभा केे  जिलाध्यक्ष पद का भी निर्वहन कर रहे है। 

ऐसे में अब पोहरी क्षेत्र में जातिगत तथ्यों को भुलाते हुए यादव समाज भी पुरजोर तरीके से अपनी दावेदारी जता रहा है। बीते रोज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाए गए त्यौहार पर यादव समाज का हुजूम पोहरी क्षेत्र में निकाला गया जिसमें हजारों की संख्या में लोग मोजूद रहे जिससे प्रतीत होता है कि यादव समाज भी पोहरी में अपना प्रतिनिधित्व बनाए रखने के लिए अग्रणीय है और उसे भी यहां से जनप्रतिनिधि चुनने का अवसर दिया जाना चाहिए। 

क्षेत्रीय लोगों के अनुसार कल्याण सिंह यादव बंटी भैया द्वारा अपनी भूमिका निभाते हुए अभी क्षेत्र के प्रमुख कार्य किए गए जिसमें पोहरी क्षेत्र में क्षेत्रीय समस्याओं के रूप में सूखा घोषित कराने बड़ा आन्दोलन हो, चना खरीदी मामले में मुख्यमंत्री से मिलकर पोहरी में शत प्रतिशत खरीदी हो, समाज का प्रतिभा सम्मान समारोह हुआ जिसमें प्रदेश ही नहीं बल्कि राष्ट्र के पदाधिकारियों और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने भी भाग लिया। 

इसके साथ ही क्षेत्र में नशा मुक्ति को लेकर शराब बंदी और मृत्युभोज जैसी प्रथा को समाप्त करने की अनूठी पहल भी पोहरी क्षेत्र में की गई है इन सभी में कल्याण सिंह यादव की महती भूमिका रही और उन्हेांने समस्त यादव समाज को लेकर यह आयोजन किए और आगामी समय में किसानों के लिए वह उनके हितों की लड़ाई भी पुरजोर तरीके से लडेंग़ें। लेकिन अब बात विधानसभा चुनावों की है ऐसे में एक नए चेहरे की तलाश कल्याण सिंह यादव के रूप में पूरी होती नजर आ रही है। 

कल्याण सिंह यादव बंटी के बारे में बताया जाता है कि पोहरी के ही पैतृक निवासी है और क्षेत्रवासियों में उनका जनाधार भी काफी प्रभावी रहा है अपने पिताजी और दादाजी के अलावा बड़े भाई ने समय-समय पर उन्हें क्षेत्रीय राजनीति में गहरी पैठ बनाए रखने के गुण सिखाए है। इसके अलावा कल्याण सिंह स्वयं संगठन में रहकर क्षेत्रीय लोगों से किस प्रकार से संपर्क बनाया जाए उनकी समस्याओं को उठाया जाए और उनका निदान कराया जाए इसे लेकर उनकी कार्यशैली किसी से जुदा नहीं है।

किसान संघ के बैनर तले बड़े-बड़े कार्यक्रम और किसानों की लड़ाई उन्होंने स्वयं लड़ी है और वह अपने इन्हीं स्वभावों के चलते क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाए हुए है। निश्चित रूप से यह लोगों की मांग उठ रही है कि पोहरी में इस बार जातिगत या बिना जाति के आधार पर प्रत्याशी चयन की बात हो तो उसमें कल्याण सिंह यादव बंटी को प्राथमिकता मिलनी चाहिए और लोगों की मांग भी उठ रही है कि नए चेहरे और दावेदार की तलाश पूरी हो।