
सतनवाड़ा वन टीम तत्काल सक्रिय हुई और मौके पर पहुंची। टीम ने जाकर इन दोनों मृत मोरों को अपने कब्जे में कर अपने साथ सतनवाड़ा लेकर आ गई। सतनवाड़ा पहुंचकर जैसे ही टीम ने इन मोरों का पीएम कराना चाहा तो किसी का फोन रेंजर सहाब के पास पहुंच गया। बस फिर क्या था पूरा वन अमला जिस तरीके से मोरों की छानबीन में लगा था। तत्काल पूरे मामले को निपटाने में जुट गया।
टीम ने बिना पीएम कराए उक्त मोरों को ले जाकर वही पास में रेंज के पीछे दाह संस्कार करते हुए जला दिया। मोरों को जलाने के बाद टीम इनकी हड्डीयों को भी लेकर अपने साथ दूसरे स्थान पर पहुंचे और इन हड्डियों को ही कोई न देख ले इस तरह से एक खेत मेें दफना दिया। उसके बाद मामले की पर्देदारी में पूरा अमला जुट गया।
इन हड्डियों को दफनाते हुए ग्रामीणों ने वन अमले को देख लिया। और अमले के जाते ही इन हड्डियों को निकालकर समेट अपने साथ ले आए। जैसे ही इस मामले की भनक मीडिया को लगी अधिकारीयों के हाथ पैर फूलने लगे। तत्काल वन विभाग की टीम फिर उसी स्थान पर पहुंची और सबूत मिटाने में जुट गई। हांलाकि मौके पर हड्डीयों न मिलने पर अधिकारीयों के हाथ पैर फूल गए है। बताया जा रहा है कि उक्त मोरो का शिकार विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के डिनर के लिए करवाया गया था। इस कारण ही इस पूरे में मामले में विभाग पर्देदारी कर रहा है।
इनका कहना है.
यह मामला आपके द्वारा संज्ञान में लाया गया है। हमें तो कुछ पता ही नहीं है। अब आपको सूचना किसने दी। हम देख रहे है।
विष्णु शर्मा, रेंजर सतनवाड़ा रेंज