अनुबंध नियमों को दरकिनार कर नपा का टर्मिनेशन समझ से परे, हम कोर्ट जाएगें: महेश मिश्रा | Shivpuri

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शिवपुरी। नगर पालिका और दोशियान कंपनी के बीच जो अनुबंध और जिन शर्तों के तहत नगर की जलावर्धन योजना का कार्य किया जाना है हमने तो वही किया और शर्तों के मुताबिक कार्य भी कर रहे है लेकिन नगर पालिका ने नियम निर्देश जाने बगैर कैसे कोई कार्यरत कंपनी को टर्मिनेट कर सकती यह समझ से परे है, यह नियम है कि जब भी किसी कंपनी को टर्मिनेट किया जाता तो वह पूर्व में कार्य में दोषी मानकर एल.डी.(पैनल्टी) लगाती है। लेकिन हम पर एक रूपये की भी कोई पैनल्टी नहीं लगी और कार्य भी हमने जैसा शर्तो में उल्लेख था उसी के अनुरूप किया, वहीं एनएचएआई ने फोरलेन निर्माण में खूबतघाटी और सतनबाड़ा के बीच में दो अलग-अलग स्थानों पर 5 करोड़ 35 लाख की पाईप लाईन को क्षतिग्रस्त किया यह भुगतान भी आज तक एनएचएआई से प्राप्त नहीं हुआ। तत्समय सीएमओ द्वारा एनएचआई और नगरीय प्रशासन को प्रस्ताव भी भेजा गया और माननीय उच्च न्यायालय में भी यह बताया गया। 

अब तक शहर में 52 किमी की पाईप लाईन बिछाकर नगर के लोगों के घरों तक पानी पहुंचाया, लाखों रूपसे व्यय कर इंटैकवैल से शिवपुरी तक पानी लाऐं, ऐसे में दोशियान कंपनी कहां गलत है और अब जब नगर पालिका ने आनन फानन में कंपनी को टर्मिनेशन करने का जो कार्य किया है वह नियम निर्देशों के मुताबिक ठीक नहीं है फिर भी हम अपने स्तर से अगला कदम उठाऐंगें और न्याय पर हमें पूरा भरोसा है पहले एक बार नपा से पत्राचार व्यवहार कर इस तरह के कार्य को लेकर चर्चा करेंगें यदि फिर भी नहीं मानेंं तो माननीय न्यायालय में अपना पक्ष रखेंगें।

उक्त बात कही दोशियान कंपनी के वरिष्ठ महाप्रबंधक महेश मिश्रा ने जो स्थानीय दोशियान कार्यालय पर आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित कर नपा के द्वारा कंपनी को टर्मिनेशन करने के बाद मीडिया के बीच अपना पक्ष रख रहे थे। इस दौरान श्री मिश्रा ने बताया कि यदि निर्माण कार्य की बात करें तो तत्कालीन कलेक्टर, सीएमओ व व नगरीय प्रशासन मलय श्रीवास्तव द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में शपथ पत्र दिया था कि जो भी अनुमति मिलनी है वह हमें दी जाए लेकिन यह अनुमतियां आज तक प्रदान करने में नपा फैल रही और आज तक यह अनुमतियां दोशियान कंपनी को नहीं मिली। 

जिसके कारण कार्य में देरी हुई, इसमें दोशियान कंपनी का कोई दोष नहीं है स्वयं माफीनामे में यह बात प्रशासनिक अधिकारियों ने माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष रखा था। इस दौरान वहां कई ठेकेदार भी मौजूद थे जिस पर ठेकेदार और दोशियान कंपनी के बीच तीखी झड़प और बहस भी हुई जिसमें ठेकेदारों के भी करीब 5 करोड़ रूपये की राशि बकाया है इसे लेकर ठेकेदारों ने कंपनी पर दबाब बनाया। 

वहीं दोशियान द्वारा बताया गया कि पूरक अनुबंध के मुताबिक लगभग 9 करोड़ 78 लाख रूपये एक मुश्त दोशियान कंपनी को भुगतान किया जाना था परन्तु वह राशि अभी भी टुकड़ों में दी जा रही जिसमें भी अभी 3 करोड़ रूपये की राशि का भुगतान बकाया है। अंत में उन्होंने बताया कि नपाध्यक्ष और सीएमओ ने अब तक ना तो कंपनी को कोई नोटिस दिया कि वह कंपनी को टर्मिनेट कर रहे है और ऐसे में बिना कोई नोटिस दिए कंपनी को टर्मिनेट नहीं कर सकते और बैंक गारंटी लेने अहमदाबाद पहुंच गए जो कि सरासर नियमों के अनुयार अवैध रूप से किया गया घृणित कार्य है। 

टर्मिनेशन के बाद भी पिला रहे नगरवासियों को पानी
प्रेसवार्ता में अपनी संवेदनाऐं प्रकट करते हुए दोशियान कंपनी के वरिष्ठ महाप्रबंधक महेश मिश्रा ने पत्रकारों के बीच कहा कि भले ही नगर पालिका ने बिना नियम निर्देश जाने कंपनी को टर्मिनेशन कर दिया हो बाबजूद इसके हमारी संवेदनाऐं नगरवासियों के साथ है और हम आज भी मड़ीखेड़ा से शिवपुरी पानी लाकर जनता को पिला रहे है। 

बिना नोटिफिकेशन के कैसे होगा जल कर वसूल
प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए दोशियान कंपनी के वरि.महाप्रबंधक महेश मिश्रा ने बताया कि जब तक नोटिफकेशन का प्रकाशन नहीं हो जाता तब तक हम कैसे जल कर वसूल कर सते है, लगभग एक वर्ष पूर्व से हम नगर पालिका को कई पत्र व्यवहार कर चुके है हालांकि एक बार नोटिफिकेशन समाचार पत्रों के माध्यम से प्रकाश में आया लेकिन वह अनुबंध नियमों के अनुसार नहीं था। 

जिसमें नपा द्वारा 14.90 पैसे की राशि जल कर के रूप में रखी गई जबकि अनुबंध के अनुसार यह राशि 15.40 पैसे बनती है ऐसे में कैसे अनुबंधित दरों को दरकिनार कर यह प्रकाशन किया गया यह भी नियम निर्देशों के अनुसार ठीक नहीं हुआ। इसके अलावा हमें कई अनुमतियां जिसमें वन विभाग की क्लीयरेंस चाहिए थी वह भी नपा ने छ: माह हो गए तब नहीं दी, ऐसे में कैसे काम किया जाता। ऐसे में हमारे तमाम प्रयासों के बाद भी निर्माण कार्य में अड़ंगा और भुगतान राशि ना मिलने के कारण कार्य में देरी हुई बाबजूद इसके हमने हर समय कार्य किया और शहरवासियों के बीच पानी लाकर उन्हें पिलाया। 
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