शिवपुरी। नगर पालिका में फर्जी बीपीएल राशन कार्ड मामले में दोषी संस्पैड कर्मचारी मोहन शर्मा ने कलेक्टर को एक आवेदन सौंपकर मामले में पुन: जांच की मांग की हैं। दोषी कर्मचारी ने आवेदन में उल्लेख किया हैं कि 30 नंबवर 17 को तत्कालीन सीएमओ रणवीर सिंह ने उन्हैं बीपीएल शाखा का कार्य सौपा था। लेकिन उस समय पूर्व प्रभारी द्वारा उन्हें कोई भी रिकार्ड और अलमारी की चाबी नहीं दी गई थी। जिस पर उन्होने सीएमओ को अवगत कराया था। बाद में उन्हें फर्जी राशनकार्ड बनाएं जाने की जानकारी समग्र आईडी ऑपरेटर सुनील लोधी और नीरज श्रीवास्तव ने दी। उस समय वरिष्ठ अधिकारियो को भी इस फर्जीवाड़े से अवगत कराया गया था।
लेकिन किसी ने भी उनकी बात को वजन नही दिया। इस दौरान उन्हें एसडीएम कार्यालय का एक आदेश भी मिला जो संदेहास्पद होने के कारण उन्होने एसडीएम कार्यालय के रीडर अनिल भार्गव से भी चर्चा की उस समय उक्त आदेश को फर्जी बताया था। जिसकी जानकारी भी नगर पालिका के वरिष्ठ अधिकारियों को हटाने की अनुशंसा भी की थी।
लेकिन अधिकारियों ने उक्त लापरवाही पर भी गौर नहीं किया बाद में फर्जी बीपीएल राशन कार्ड होने की शिकायते आने लगी। इसके बाद तत्कालीन एसडीएम ने तहसीलदार के माध्यम से बीपीएल शाखा की तीन अलमारियों को सीज कर दिया। और उसके 20 दिन बाद जांच अधिकारी गजेंद्र लोधी ने उनके कथन लिए,जहां उन्होंने विस्तार से उन्हें पूरा घटनाक्रम सुनाया।
इसके बाद भी उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया और जांच अधिकारियो ने बयानों के आधार पर ही उन्हें दोषी ठहराकर एफआईआर कराने और निलबंन के आदेश प्रसारित कर दिए। मोहन शर्मा ने अपने आप को बेगुनाह बताते हुए मामले की पुन: जांच कराने की मांग की हैं। उन्होनें कहा है कि उनके द्वारा ही फर्जी राशनकार्ड कांड उजागर हुआ हैं,और उन्है ही प्रशासन ने दोषी करार दिया हैं,जो पूर्णत: गलत है। ऐसी स्थिती में मुझ पर की गई कार्रवाई स्थगित की जाए।
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