संदेह कितना भी मजबूत हो वो प्रमाण नहीं माना जा सकता: छेडछाड का आरोपी दोषमुक्त

0
शिवपुरी। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी कोलारस के न्यायालय से मारपीट और छेड़छाड़ के आरोप में एक वर्ष के सश्रम कारावास और अर्थदण्ड से दण्डित आरोपी को अपीलीय न्यायालय ने दोषमुक्त कर दिया है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय डीएल सोनिया ने आरोपी को दोषमुक्त करते हुए निष्कर्ष निकाला है कि संदेह कितना भी मजबूत हो, लेकिन वह प्रमाण का स्थान कभी नहीं ले सकता। इस निष्कर्ष के साथ विद्वान न्यायाधीश महोदय ने आरोपी हुकुम सिंह धाकड़ पुत्र करण सिंह धाकड़ निवासी ग्राम कुम्हरौआ थाना कोलारस को भादवि की धारा 323 और 354 के अपराध से दोषमुक्त कर दिया है। इस मामले में अभियुक्त की ओर से पैरवी संजीव बिलगैया अभिभाषक द्वारा की गई।

प्रकरण की जानकारी के अनुसार आरोपी हुकुम सिंह धाकड़ के विरूद्ध एक महिला की रिपोर्ट पर कोलारस थाने में मारपीट और छेड़छाड़ का मामला दर्ज कर चालान न्यायालय में पेश किया गया था। इस मामले में जेएमएफसी कोलारस श्रीमती शिखा अग्रवाल ने निर्णय देते हुए आरोपी को एक वर्ष के सश्रम कारावास और अर्थदण्ड से दण्डित किया था। इस निर्णय से व्यथित होकर आरोपी ने अपने अभिभाषक बिलगैया के माध्यम से अपीलीय न्यायालय में अपील की। 

अपर सत्र न्यायाधीश द्वारा प्रकरण में आई साक्ष्य का पुन: सूक्ष्मता से अवलोकन किया और अपने आदेश में अंकित किया कि प्रकरण की फरियादिया द्वारा की गई स्वीकृति तथा प्रस्तुत साक्षीगणों के कथनों में आए महत्वपूर्ण विरोधाभास व विसंगति के आधार पर आरोपी के विरूद्ध मामला प्रमाणित नहीं होता है तथा अभियोजन की कहानी संदेहजनक हो जाती है। 

उन्होंने कहा कि संदेह कितना भी मजबूत हो, किन्तु प्रमाण का स्थान नहीं ले सकता। उपरोक्त साक्ष्य के विवेचन से अभियोजन आरोपी के विरूद्ध भादवि की धारा 323 और 354 के तहत दण्डनीय अपराध का आरोप संदेह से परे प्रमाणित करने में असफल रहा है। इस कारण जिन तथ्यों पर विद्वान विचरण न्यायालय द्वारा पारित दोषसिद्धी व दण्डादेश का निष्कर्ष स्थिर रखे जाने योग्य नहीं पाया गया। 

यह था मामला
अभियोजन के अनुसार घटना दिनांक 7 सितम्बर 2016 को दोपहर 12 बजे की कोलारस थाना क्षेत्र के ग्राम कुम्हरौआ की थी। कहानी के अनुसार उक्त दिनांक को फरियादिया की माता-पिता टमाटर के खेत में दवाई डालने गए थे तथा फरियादिया का भाई भी घर में नहीं था। फरियादिया घर में अकेली थी और दोपहर 12 बजे वह गाय की देखभाल कर रही थी उसी दौरान आरोपी हुकुम सिंह वहां आया और उसने फरियादिया को गाली देना शुरू की। जब उसने इसका विरोध किया तो आरोपी ने बुरी नीयत से उसका हाथ पकड़ लिया जब वह हाथ छुड़ाने लगी तो उसकी साड़ी खींच ली। इस पर वह चिल्लाकर वहां से भागी और आरोपी यह देखकर वहां से भाग गया। माता-पिता के आने पर फरियादिया ने थाने में जाकर आरोपी के विरूद्ध रिपोर्ट लिखाई।
Tags

Post a Comment

0Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!