4 घण्टे शमशान घाट में ही आग की चिंता करती रही चिता, कैरोसिन डालकर लगाई आग

अभिषेक शर्मा, पोहरी। शिवपुरी जिले की पोहरी तहसील पिछड़ी तहसील के रूप में जानी जाती है। जहां विकास कार्य सिर्फ कागजो में ही नजर आता है धरातल पर शून्य है। ग्राम खोड में बिगत रात्रि सुशीला पाल का देहांत हो गया जिसका अंतिम संस्कार सुबह किया जाना था। लेकिन रात भर से बारिश सुबह तक नही थमी जिस कारण लोग सुबह से बारिश बन्द होने का इंतज़ार करने लगे लेकिन फिर भी सुबह हल्की बारिश में परिजन शमशान घाट पहुचे लेकिन वहां टीन शेड न होने के कारण लकडिय़ा व कंडे भीग गए और बमुश्किल केरोसिन डाल-डाल कर चिता जलाई। बारिश के मौसम में ग्रामीणों को अंतिम संस्कार हेतु काफी परेशानी से गुजरना पड़ रहा है जिसकी सुनवाई न तो स्थानीय जनप्रतिनिधि करते और न ही प्रसाशन। 

विकास कार्यो के दावों की खुली पोल
पोहरी तहसील के ग्राम खोड में आज जनप्रतिनिधियों द्वारा किये जाने बाले बड़े-बड़े विकास कार्यो की पोल खोल रख दी है। पोहरी में आज एक परिवार को अंतिम संस्कार के लिए महज टीनशेड के कारण कारण घण्टो इन्तज़ारब करना पड़ा। बही इस मामले को लेकर प्रसाशन ओर जनप्रतिनिधि ने दूरी सी बना ली है। ऐसे में पोहरी में बड़े विकास कार्यो के दाबे करने बाले प्रतिनिधियो की पोल खोल रख दी है।

चार घंटे किया इंतजार, जब हुआ अंतिम संस्कार
पोहरी में कल रात सुशीला बघेल का देहांत हो गया जिसका सुबह अंतिम संस्कार किया जाना था लेकिन पोहरी रात भर से लगातार बारिश थमने का नाम नही ले रही लेकिन सुबह भी बारिश बन्द नही हुई और चार घंटे इन्तज़ार करना पड़ा जब जा कर अंतिम संस्कार किया जा सका।

लकड़ी-कंडे हुए गीले, टायर ओर मिट्टी के तेल डालकर बामुश्किल किया अंतिम संस्कार
पोहरी में आज एक अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा इसका मुख्य कारण मुक्तिधाम में टीनशेड न होना। बारिश में 4 घण्टे इन्तज़ार के बाद जब हल्की बारिश में अंतिम संस्कार करने ले गए तो लकड़ी-कंडे गीले हो गए जहा चिता को बमुश्कि पुराने टायर ओर मिट्टी के तेल के सहारे जलाना पड़ा। जब इस समस्या पर स्थानीय प्रसाशन से बातचीत की तो उन्होंने गोलमोल तरीके से जबाब दिया।

इनका कहना है -
कल रात को बुआजी का देहांत हो गया जिसके बाद बारिश बन्द का इंतज़ार करना पड़ा। 
संजय पाल, मृतक का भतीजा

भाजपा शासन में अंतिम संस्कार के लिए टीनशेड तक नही। लोगो को काफी परेशानी उठानी पड़ती है।
दीवान सिंह बघेल, ग्रामीण

यह शान्तिधाम काफी पहले मनरेगा के तहत बना जिसमे टीनशेड का प्रबंध नही था।
अनिल तिवारी, सीईओ पोहरी