
श्री चौधरी ने कुछ कार्यों की माप पुस्तिकायें और टेण्डर रजिस्टर आदि भी तलब किए मगर ईई के न होने के चलते उन्हें सम्बन्धित दस्तावेज उपलब्ध नहीं हो सके। यहाँ बता दें कि प्रभारी कार्यपालन यंत्री श्री बाथम के कार्यकाल में शिवपुरी में सांसद निधि से नलकूप खनन की टेण्डर प्रक्रिया में गड़बड़ी सामने आई है साथ ही सीवर परियोजना में बोनस भुगतान का मामला भी जाँच की जद में है और पिछले दिनों करौंदी सम्पवेल से फिजीकल सम्पवेल तक बिना टेण्डर के लाइन बिछाई का मामला भी जाँच की जद में है।
इस 17 लाख 50 हजार रुपए के पाइप लाइन बिछाई कार्य को विभाग ने बिना टेण्डर के ही करा डाला और जब टेण्डर आमंत्रित किए गए तो इस टेण्डर प्रक्रिया में एक से अधिक फर्मों ने प्रतिभागिता की जिसके चलते यह टेण्डर प्रक्रिया ही बिना कोई कारण बताए प्रभारी ईई श्री बाथम ने निरस्त कर दी। इस मामले की शिकायत ईओडब्लू को भी हुई है और पिछले दिनों ईओडब्लू की टीम भी इस प्रकरण को लेकर प्रभारी ईई एवं नगर पालिका शिवपुरी के अधिकारियों से जवाब तलब कर चुकी है।
आज अधीक्षण यंत्री श्री चौधरी इसी सिलसिले में शिवपुरी आए हुए थे, पीएचई में एसई ने तमाम अन्य दस्तावेज भी खंगाले। एसई श्री चौधरी का कहना है कि वे पुन: इस प्रकरण की जाँच के लिए शिवपुरी आयेंगे। पीएचई कार्यालय से जब एसई के चले जाने की खबर ईई तक पहुंची तो वे कार्यालय आ गए और उन्होंने साढ़े सात बजे तक कार्यालय खोले रखा जो नियम विरुद्ध है।