
शादी के करीब डेढ माह बाद 5 जुलाई 2017 को रेणु अपने नाना-नानी के यहां शिवपुरी आकर रहने लगी। आवेदिका ने इसके बाद कुटुम्ब न्यायालय में भरण पोषण के लिए दावा पेश किया इस मामले की सुनवाई के दौरान रेणु के परित नरेन्द्र ने अपने अधिवक्ता राधाबल्लभ शर्मा के माध्यम से उनके आरोपा को निराधार बताया और कहा कि हम शादी के बाद अच्छे से रह रहे थे।
इसी दौरान 25 मई को रेणु कम्प्यूटर्स का पेपर देने शिवपुरी आई थी जिसके बाद 5 जून को वह रेणु को वापस अपने घर ले गया। इसके बाद रेणु पूजा करने के लिए नरवर आई थी फिर रेणु वापस नही लौटी नरेन्द्र ने रेणु को मैसेस कर घर वापस बुलाया लेकिन रेणु ने जाने से मना कर दिया।
नरेन्द्र ने बताया कि उसकी पत्नि रेणु से लगातार चैटिंग होती रही इस चैटिंग में रेणु ने बार-बार कहा है कि वह आईएएस की तैयारी करने इंदौर रहना चाहती है, इसलिए एक साल तक उसके साथ नही रह सकती। इसके आलावा भी न्यायालय में कई साक्ष्य पेश किए गए।
सभी साक्ष्यो पर विचारण उपरांत न्यायधीश पीके शर्मा ने अपना जजमेंट सुनाया कि आवेदिका रेणु बिना किसी पर्याप्त कारण के अपने पति से अलग रह रही है। इस कारण वह भरण पोषण पाने के अधिकारी नही है।