
डॉक्टर अपने काम में कितनी लापरवाही बरत रहे है यह उनका जीता जागता उदाहरण आज आया है। बताया जाता है कि किसी भी महिला और पुरूष की जब भी नसबंदी की जाती है तो नसबंद से पूर्व की जाने वाली सभी आवश्यक जांचो को करवाया जाता है, लेकिन आनन-फानन और आकंडो को पूरा करने के लिए इस महिला की जांचे नही करवाई यां टारगेट के फेर में इस गर्भ का नजर अदांज कर दिया।
जानकारी के अनुसार करैरा के ग्राम जयनगर निवासी अकलवती पत्नि सालिकराम प्रजापति ने एक बेटा और 2 बेटियो के बाद परिवार नियोजन की मंशा से 9 जनवरी 2018 को ग्राम आमोल मे लगे एक नसबंदी शिविर में एलटीटी नसबंदी ऑपरेशन करवाया, ताकि वह भविष्य में किसी संतान को जन्म ना दे सके। इस ऑपरेशन के बाद 26 जनवरी 18 को उसे प्रमाण पत्र भी जारी किया गया।
महिला के पति के अनुसार उसके मासिक चक्र रूके तो उसे बताया ऐसा कई बार हो जाता है। लेकिन जब कई महिनो तक ऐसा होता रहा तो महिला की जांच करवाई गई तो पता चला कि वह 6 माह का गर्भधारण कर चुकी है। इस बात से स्पष्ट होता है कि जब महिला की नसबंदी की गई थी तो पता चला महिला गर्भवती थी। जब महिला इस बात की शिकायत करने सीएमएचओ कार्यालय गई तो उसे भागा दिया गया और कहा कि करैरा जाकर शिकायत करो।