
इससे उल्ट पिछले मंगलवार की जनसुनवाई में की ये हालत थे कि इसमें अधिकारी ही नही थे। कलेक्ट्रेट की जनसुनवाई के हॉल में अधिकारियो की कुर्सी खाली पडी थी। या यू कह लो की अघोषित रूप से अधिकारियो ने हडताल कर दी है।
आज जनसुनवाई में उमडी भीड को देखकर लगता है कि नई कलेक्टर से जिले वासियो को उम्मीद है। कि उनके समस्याओ का निराकरण होगा। और प्रशासनिक कार्यो में तेजी आऐंगी।