जंगल और जानवरो के लिए शौचालय, कलेक्टर के पास पहुंचा 20 लाख का घोटाला

लोकेन्द्र सिंह, शिवपुरी। आज नावातुंग कलेक्टर शिल्पा गुप्ता की पहली जनसुनवाई थी। इस जनसुनवाई में कलेक्टर शिवपुरी के पास एक ग्राम पंचायत का लगभग 20 लाख का घोटाला हुआ है। आवेदक मय दास्तावेजो के साथ कलेक्टर के पास पहुंचा। कलेक्टर गुप्ता ने धैर्यपूर्वक आवेदक को सुना ओर शीघ्र ही कार्यवाही का आश्वासन दिया और साथ ही आवेदक से कहा कि आगे भी इस घोटाले की आप मुझे अपटेड देते रहेगें। आज जनसुनवाई में ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच विनोद कुमार जाटव ने कलेक्टर शिल्पा गुप्ता को एक आवेदन सौपा इस आवेदक ने कहा कि ग्राम पंचायत मुढैरी में शौचालय निर्माण में 20 लाख का घोटाला हुआ है। इससे पूर्व में इस घोटाले की कई बार शिकायत कर चुका हूॅ लेकिन आश्वासन के अतिरिक्त कुछ भी नही मिला है। 

आवेदक विनोद जाटव पूर्व सरपंच ने कहा कि ग्राम पंचायतो में निर्मल भारत योजना शुरू हुई थी इस योजना के तहत सन 13-14 में जब में सरपंच था जब मेरे द्वारा शौचालयो का निर्माण इस ग्राम पंचायत में कराया गया था। फिर इस योजना का नाम स्वच्छ भारत अभियान रखा गया इस योजना में गांव के प्रत्येक परिवार को शौचालय निर्माण करना आवश्यक था। 

मुढैरी ग्राम पंचायत में 572 परिवारो के लगभग है। जब मेरी सरपंची के समय इस पंचायत के 420 परिवारो ने शौचालय स्वीकृत होकर निर्माण पूर्ण हो चुके थे। उस समय पंचायत की इन शौचालय की निर्माण ऐजेंसी थी, प्रत्येक हितग्राही के शौचालय की किमत 9600 रू थी। हितग्राही को केवल श्रम दान करना था। 

अब जब निर्मल भारत का नाम बदलकर स्वच्छ भारत अभियान किया गया और इस अभियान में शासन हितग्राही के खाते में सीधा शौचालय निर्माण के लिए पैसा देने लगी। ग्राम पंचायत मुढैरी स्वच्छ भारत अभियान  के तहत भी इस ग्राम पंचायत में लगभग 500 शौचालय स्वीकृत किए गए है। 

अब सवाल यह उठता है कि जब निर्मल भारत में 572 परिवारो में से 420 शौचालय का निर्माण हो चुका था। अब स्वच्छ भारत अभिायान में 500 शौचालय का निर्माण हुआ है तो परिवारो की संख्या 572 है तो बाकी शौचालय का निर्माण वर्तमान सरपंच और सेकेट्री ने क्या जंगल में करा दिए यहा गांव के जानवरो के लिए भी शौचालय निर्माण करा दिए है।

आवेदक का आरोप है कि वर्तमान सेकेट्री रामबिहारी शर्मा और रोजगार सहायक प्रकाश रावत और स्वच्छ भारत अभियान के ब्लॉक कॉडिनेटर प्रेम चौधरी ने पुराने शौचालय का फोटो खिचकर लाखो रू का शासन का पेमेंट खुदबुर्द कर दिया। इस पंचायत के इन कर्ताधर्ताओ ने लगभग 20 लाख रूपए के सरकारी रूपए डकार लिए है। 

आवेदक का कहना है कि इससे पूर्व भी में कई बार जनसुनवाई में शिकायत कर चुका हूॅ। मुझे हर बार जांच का आश्वाशन दिया गया है लेकिन जांच के नाम पर इस घोटाले को दवा दिया जाता है। मैने हर बार इस घोटोले के सबूत आवेदन के साथ दिए है। मेरे दिए गए दास्तावेजो की ही जांच कर ली जाए तो इस घोटोले की जांच करनी की आवश्यकता ही नही होगी।