
92 लोगों की हुई मौत
छात्र अभय जैन ने अपनी शिकायत में बताया है कि मझेरा में पिछले कुछ सालों में टीबी व सिलिकोसिस से 92 सहरिया आदिवासियों की मौतें हुई हैं। अभय जैन ने अपनी टीम के साथ इसके प्रमाण सहरिया आदिवासी परिवारों के द्वारा दिए गए दस्तावेज के आधार पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग को दिए हैं। इसके अलावा वर्ष 2005 में यहां आई डॉ मीहिर शाह सुप्रीम कोर्ट की कमीशन एडवाईजर कमेटी ने जब यहां का दौरा किया था तो उन्होंने भी अपनी रिपोर्ट में यहां पर टीबी व सिलिकोसिस से हो रही मौतों को लेकर तत्कालीन कलेक्टर एम गीता से आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए थे, लेकिन प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाए। अभय ने बताया कि मरने वालों में अधिकांश पुरूष हैं जो पत्थर खदानों में दिन-रात काम करने पर टीबी व सिलिकोसिस की चपेट में आकर असमय मौत का शिकार हो गए।
स्वास्थ्य और आर्थिक मदद की मांग
आयोग के समक्ष पूरे मामला संज्ञान में लाने वाले छात्र अभय जैन ने मांग की है कि शिवपुरी जिला प्रशासन को गरीब व आर्थिक रूप से कमजोर इन मृतक सहरिया परिवारों की मदद करना चाहिए। अभय की मांग है कि बीमार परिवारों को स्वास्थ्य सुविधाएं दिलाई जाएं और जो मृतक हैं उनके परिवार को आर्थिक सहायता दी जाए। इसके अलावा इस मझेरा क्षेत्र में बिना अनुमति के जो अवैध उत्खनन कई वर्षों से चल रहा है उस पर रोक लगे।
क्या कहते हैं शिकायतकर्ता
मझेरा में टीबी व सिलिकोसिस से बीते कुछ सालों में 92 सहरिया आदिवासी लोगों की मौत हुई है। इस मामले की मैंने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग को शिकायत की थी। आयोग ने इसे संज्ञान में लेकर शिवपुरी कलेक्टर व प्रदेश के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया है। मेरी मांग है कि यहां पर मृतक परिवारों को सहायता राशि दी जाए और इस अवैध उत्खनन पर रोक लगे।
अभय जैन
लॉ स्टूडेंट शिवपुरी