मामला: दिनारा तालाब के अतिक्रमण का, प्रशासन की निंद्रा खोलने युवा करेंगे आंदोलन, दिनारा विकास मंच का गठन

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दिनारा। जिले के करैरा अनुविभाग के तहत आने वाले दिनारा तालाब पर दबंगों ने अतिक्रमण कर रखा है। बताया जाता है कि इस तालाब पर पूरे दिनारा क्षेत्र की जनता पानी के लिए निर्भर है वहीं तालाब में पानी रहने की वजह से वाटर लेबल भी सही बना रहता है, लेकिन इस तालाब पर कुछ प्रभावशील लोगों द्वारा कब्जा कर लिया गया है। कब्जे को लेकर कई बार रहवासियों ने प्रशासन के अधिकारियों को मामले से अवगत कराया लेकिन आज दिनांक तक उनकी कोई भी सुनवाई नहीं हुई। सुनवाई न होने की वजह से अब दिनारा क्षेत्र के युवा प्रशासन की नींद खोलने के लिए आंदोलन करेंगे इसके लिए दिनारा विकास मंच का गठन भी किया गया है। आंदोलन से पहले एक ज्ञापन प्रशासन को दिया जाएगा और तालाब पर हुए अतिक्र्रमण हटाने की मांग की जाएगी। इसके बाद युवा आंदोलन पर बैठेंगे और यह आंदोलन तब तक चलता रहेगा जब तक तालाब से अतिक्रमण नहीं हट जाता। 

दिनारा तालाब से दबंगो द्वारा लगातार पानी निकालने के कारण पेयजल का संकट हो गया है। ऐतिहासिक तालाब के महत्व को समझते हुए अब ग्राम के युवाओं द्वारा तालाब को सरंक्षित करने की मांग उठने लगी है। दिनारा के युवाओं द्वारा दिनारा विकास मंच का गठन कर लिया गया है जो बहुत ही जल्द प्रशासन को तालाब की समस्याओं के संबंध मे एक ज्ञापन देगा  और समयबधि कार्रवाई न होने पर युवाओं के द्वारा आंदोलन किया जाएगा।

ज्ञात हो कि दिनारा का ऐतिहासिक तालाब बारिश कम होने के कारण पूरा नहीं भर पाता है। तालाब के जल भराव के क्षेत्र मे जो जमीन खाली रहती है उस पर दबंगो द्वारा कब्जा कर खेती की जाती है। सैकड़ों इंजन और बिजली मोटरों के द्वारा तालाब से दिन रात पानी निकाला जाता है जिससे अंचल के कुओं ओर निजी नलकूप का जल स्तर गिर जाता है और अंचल में पेयजल की गंभीर समस्या जन्म ले लेती, तालाब में खेती कर पानी निकालने के संबंध मे वरिष्ठ अधिकारियों को लगातार शिकायत की जाती है लेकिन उनके द्वारा नोटिस जारी करने के सिवाए कोई भी कार्रवाई नहीं की जाती है। आज दिनारा में विकराल पेयजल संकट है। अगर समय रहते प्रशासन कार्रवाई करता तो इतना भयानक पेयजल संकट नहीं रहता।

सुमित नीखरा ने बताया कि दिनारा तालाब की ओर स्थानीय प्रशासन व संबंधित विभाग के अधिकारिओं द्वारा ध्यान न दिए जाने के परिणाम स्वरुप दिन व दिन जर्जर हो अपना अस्तित्व ही खोता जा रहा है। वहीं तालाब से वर्षों से सिंचाई न होने के चलते नहरें क्षति ग्रस्त हो गई हैं तथा दिनारा तालाब में दबंगों द्वारा रोक के बाद भी साल दर साल खेती कर कब्जा कर लिए जाने से दिनारा कस्बे के लोगों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। जहां तलाब का पानी सिंचाई में उपयोग किए जाने से तालाब समय से पहले ही खाली कर दिया जाता है जिसका सीधा प्रभाव दिनारा के जल स्रोतों पर पड़ता है और वह भी समय से पूर्व ही साथ छोड़ जाते हैं। इन्हीं सब समस्याओं को लेकर दिनारा के युवाओं को जाग्रत कर तालाब बचाओ अभियान चला कर जन आंदोलन का आगाज किया जाएगा जिसके क्रमबद्ध संचालन हेतु एक दिनारा विकास समीति का गठन किया जाएगा तथा दिनारा तालाब के अस्तित्व को बचाने हेतु चरण बद्ध आंदोलन की शुरुआत की जाएगी जिसके प्रथम चरण में युवाओं को संगठित कर महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन स्थानीय प्रशासन को सौंपा जाएगा। इसके बाद भी अगर कार्रवाई नहीं होती है तो फिर जन आंदोलन शुरू किया जाएगा जिसके तहत अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन किए जाएंगे।
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