शिवपुरी। श्रीगोरखनाथ मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देव आह्वान व जलाधिवास विधि मंदिर महंत श्री 108 श्री सीतारामदास जी महाराज के द्वारा कराई गई। इस दौरान महंत सीतारामदास जी महाराज ने मंत्रोच्चारण कर श्रीगोरखनाथ भगवान का आह्वान किया और देव पूजन किया। इस अवसर पर श्रीगोरखनाथ मंदिर परिसर में मानस सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य रूप से अजयशंकर भार्गव तालबेंहट हाल निवासी शिवपुरी, महंत राजेश रामायणी मण्डी बामौर जिला सागर, रमा उपाध्याय जौरा- मुरैना व गुना से आए पं.लखन शास्त्री ने धर्मप्रेमीजनों को धर्म-ज्ञान का संदेश दिया।
आज के वर्तमान युग पर प्रकाश डालते हुए पं.लखन शास्त्री ने अपने आर्शीवचनों में कहा कि भगवान का प्राकट्ट चार कारणों से है जिसमें विप्र(ब्राह्मण), धेनु(गाय), सुर(देवता) और सन(साधु-संत) है लेकिन आज यही चारों संकट में है यह अपने अस्तित्व को बचाए रखने के लिए ईश्वर का आह्वान करते है, पं.लखन शास्त्री मानव जाति के उदाहरणों से बताया कि जिस प्रकार से मनुष्य अपने कर्म कर उदरपूर्ति करता है।
वहीं राष्ट्र की चिंता करने वाला कोई नहीं बल्कि साधु-संत ही होते है आज कई विदर्भी लोग आताताई हो रहे है ऐसे में सनातन धर्म को नष्ट करने वाले इन विदर्भियों को दूर करने के लिए ही भगवान विभिन्न स्वरूपों में जन्म लेते है और धर्म की स्थापना करते है और उन्हीं के प्रतिनिधि के रूप में राष्ट्र की चिंता करने वाले साधु-संत ही अपने धर्म से राष्ट्र को संरक्षित किए हुए है।
मानस सम्मेलन में आए साधु-संतों की भव्य आगवानी मंदिर महंत सीतारामदास जी महाराज और श्रीगोरखनाथ मंदिर सेवा समिति के सदस्यगणों राजेन्द्र गुप्ता, नरेन्द्र जैन भोला, दिनेश गर्ग, वीरेन्द्र जैन, अजीत बत्रा, तेजमल सांखला, अमन गोयल, दिनेश गर्ग, राजकुमार गुलाटी, रमन अग्रवाल, रिंकेश, राजू दुबे खजूरी, शैलेन्द्र टेडिय़ा, बल्ले आदि द्वारा किया गया। कार्यक्रम का विधिवत संचालन अरूण अपेक्षित व गिरीश मिश्रा मामा द्वारा किया गया। कार्यक्रम में लगातार तीनों दिनों तक और मानस सम्मेलन व देव आह्वान पूजन होगा जिसमें अधिक से अधिक संख्या में धर्मप्रेमीजनों से इस धार्मिक आयोजन में सपरिवार शामिल होने का आग्रह किया गया है।
आज यह होंगें कार्यक्रम
कार्यक्रमों की श्रृंखला में आज 18 अप्रैल को नित्य पूजन, अन्नाधिवास, फलाधिवास कार्यक्रम होगा, 19 अप्रैल को नित्य पूजन, पुष्पाधिवास, सहस्त्रधारा अभिषेक, शय्याधिवास कार्यक्रम होगा एवं अंत में 20 फरवरी को देव प्रतिष्ठा एवं पूर्णाहुति व प्रसाद वितरण किया जाएगा। इस दौरान इन सभी कार्यक्रमों में दूर-दराज बनारस, अयोध्या,चित्रकूट, से पधारने वाले साध्ुा-संतों के आर्शीवचन होंगें।
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