कभी नपा का कचडा घर और अतिक्रमण, अब बना शहर का मॉडल पार्क

शिवपुरी। शहर के फिजीकल क्षेत्र के टीवी टॉवर रोड पर स्थित पटेल नगर में जहां अभी पटेल पार्क है वहां कभी नगर पालिका का कूडा घर था पूरे शहर का कचडा नगर पालिका वहां पटकती थी,इसके आलावा इस जमीन पर अतिक्रण भी था,लेकिन पटेल नगर के निवासियो की सार्थक सोच और कुछ करने का जूनून ने इस जमीन पर शानदार पार्क बना दिया। जहां कभी अतिक्रमण के मकान लहराते थे अब वहां पेड लहरा रहे है और कचडे की सडांध के कारण सांस लेने में परेशानी होता थी अब सुंदर फूलो की खुशबु  के कारण शहर के लोग सांस लेने सुबह इस पार्क में आते है। 

लगभग 10:50 बीघा सरकारी जमीन पर बने इस पार्क की जमीन पर 4 साल पहले भू-माफिया का कब्जा था। कॉलोनी के चार युवाओं ने नगरपालिका, जिला प्रशासन में कई बार शिकायतें की लेकिन कोई सुनवाई हुई। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। चारों युवा एकत्रित होकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से मिलने भोपाल पहुंच गए। 

सीएम ने उनकी बात को गंभीरता से सुना और फिर फोन से ही तत्कालीन कलेक्टर जोन किंग्सले को तत्काल अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए। सीएम हाउस से फ ोन आते ही पूरी सरकारी मशीनरी हरकत में आ गई और 2 घंटे में भू-माफिया को खदेड़ दिया गया। आगे का काम इन युवाओं की पहल पर स्थानीय जनता ने यहां 50 लाख रुपए एकत्रित कर पार्क विकसित करके पूरा कर दिया। 

इस जमीन पर फिर अतिक्रमण न हो इस कारण बनाया पार्क 
इस कॉलोनी के स्थानीय निवासी पत्रकार अशोक अग्रवाल,पार्षद पंकज शर्मा,समाज सेवी भूपेन्द्र भटनावर और शिक्षक अरूण श्रीवास्तव ने कहा कि इस  बेशकीमती जमीन खाली होने के बाद यह जगह फिर से अतिक्रमणकारियों के कब्जे में न आए इसलिए नपा ने कहा कि जगह तो मुक्त हो गई अब आप यहां क्या करेंगे। युवा बोले कि हम पार्क बनाएंगे और उसकी देखरेख भी करेंगे। बस इसके बाद नगरपालिका ने पहले बाउंड्री और फिर इसकी ग्रीनरी पर पैसा खर्च किया तो कॉलोनीवासियों की तो मन की मुराद पूरी हो गई और यहां हराभरा पार्क विकसित हो गया। 

वाटर हारवेस्टिंग का उदाहरण है पार्क 
जिले के सबसे आधुनिक पार्क में अब बारिश का पानी सहेजने की पहल स्थानीय लोगों ने की है। इसके लिए सूखे कुएं पर एक प्राकृतिक झरना बनाया गया है जिसमें कनेक्शन ऐसे रखे गए है ताकि इस झरने से निकलने वाला पानी व्यर्थ न बहे और वह सीधे कुएं में ही पहुंचे और इसके साथ यहां बन रहे मटका फव्वारा और एक अन्य निर्माणाधीन फांउटेन को भी कुएं से जोडऩे का उपक्रम किया जा रहा है। इससे पानी बहने के बजाय कुएं में जमा होगा। 

हरियाली के अलावा यह थी आर्कषण का केन्द्र 
पौधरोपण को बढ़ावा देने के लिए सेव ट्री का स्टेच्यू बनाया गया है। पार्क में बने चिडय़िाघर में पैरबाज, सफेद कबूतर, मटक्कली, लाल कबूतर जैसे कई तरह के कबूतर हैं। गागरौनी तोता, टुंइयां तोता, ऑस्ट्रेलियन तोते की प्रजाति के साथ 24 लर्व वर्ड यहां आने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है। सीता माता के साथ राक्षसी त्रिजटा का मिट्टी से आकार बनाया गया है। अशोक वाटिका में मयूर जोड़े के साथ जानवरों के चित्र मिट्टी से बनाए गए हैं।