
आधुनिक तकनीक का हो रहा इस्तेमाल
वन्य प्राणियों की आकलन में इस बार वन विभाग द्वारा आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है तथा गणना का कार्य करने वाले स्टाफ को त्रक्कस् रेंज फाइंडर कंपास जैसे उपकरणों के साथ ही पुराने नक्शों का इस्तेमाल कर इस कार्य को किया जा रहा है त्रक्कस् के माध्यम से वन्य प्राणियों के मिलने वाले निशाना या वन्य प्राणियों को जीपीएस रीडिंग के आधार पर उनकी जानकारी एकत्रित की जा रही है इसके अलावा आंखों से दिखाई देने वाले या नजर आने वाले जानवरों को रेंज फाइंडर की मदद से यह आकलन लगाया जाता है कि उक्त प्राणी वास्तविक तौर पर कितनी दूरी पर नजर आया तथा कंपास का इस्तेमाल स्टाफ द्वारा दिशा का पता लगाने के लिए किया जाता है।
पोहरी वन परिक्षेत्र का समूचा अमला जुटा है
पोहरी वनपरिक्षेत्र के 6 डिप्टी रेंजर एवं 23 फीट गार्ड वन्य प्राणी गणना के इस कार्य में लगे हुए हैं,
काफी तादाद में वन्य जीवों के मिलने की संभावना है और मिले भी हैं, निर्धारित प्रपत्र में जानकारी एकत्रित की जा रही है जिसे आगे वरिष्ठ कार्यालय भेज जाएगा।
जंगलो में तेंदुए के मिले पदचिन्ह, सर्चिंग जारी
पोहरी रेंजर केपीएस धाकड़ द्वारा जब जंगलो में आंकलन करने निकले तो उन्हें तेंदुए,भालू, सहित कई मशाहरी जानवरो के पदचिन्ह मिले जिन पर वन विभाग की टीम लगातार सर्चिंग कर रही है।पोहरी क्षेत्र के जंगलो में भी तेंदुआ की संख्या अधिक बताई जा रही। अभियान के तहत सम्पूर्ण जानकारी एकजुट की जा रही है जिसके बाद आगे वरिष्ठ कार्यालय भेजा जाएगा।
इनका कहना है-
जंगलो में सर्चिंग करने पर कई जानवरो के पदचिन्ह दिखाई दिए जिन्हें इकट्ठा किया जा रहा है। क्षेत्र में तेंदुआ,भालू,शियार,लकडभग्गा सहित कई जानवरो के चिन्ह मिले है।
के पी एस धाकड़, वनपरिक्षेत्र अधिकारी, पोहरी