
उक्त उधार ली गई राशि के भुगतान के ऐवज में अभियुक्त ने परिवादी को दो लाख रुपए का यूको बैंक शिवपुरी का चैक प्रदत्त किया था और कहा था कि 1 सिम्बर 2015 को अपने खाते में जमा कर देना तो निश्चित ही भुगतान प्राप्त हो जावेगा। परिवादी ने अभियुक्त द्वारा प्रदत्त चैक अपने खाते इलाहाबाद बैंक में जमा किया तो अभियुक्त के खाते में पर्याप्त राशि न होने के कारण चैक बाउंस हो गया और बाउंस होने के बाद परिवादी ने अभियुक्त को उक्त रुपयों की मांग के संबंध में एक 15 दिवस का नोटिस अधिवक्ता एड गजेन्द्र सिंह यादव के माध्यम से भेजा जो अभियुक्त को प्राप्त हो गया था।
उसके बाद भी अभियुक्त ने परिवादी को उक्त उधार ली गई राशि वापस नहीं दी। नोटिस की म्याद गुजरने के बाद परिवादी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से परिवाद पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। प्रकरण में आई साक्ष्य उपरांत माननीय जेएमएफसी कामिनी प्रजापति द्वारा आरोपी को उक्त प्रकरण में छह माह की सजाए दो लाख पांच हजार रुपए परिवादी को दिलाने जाने का आदेश पारित किया। प्रतिकर राशि न देने पर तीन माह का अतिरिक्त कारवास भुगतना होगा। उक्त प्रकरण में पैरवी एडण् गजेन्द्र सिंह यादवए असपाक खान द्वारा की गई।