
लेकिन 8 दिन पहले जब महेंद्र की पत्नि ने एक पुत्र और एक पुत्री को जन्म दिया तो परिवार की खुशी का कोई अंत नहीं था। जमकर जश्न मनाया गया और दष्टौन की तैयारियां जोरशोर से की जा रही थीं, परंतु ईश्वर को तो कुछ और ही मंजूर था। 8 दिन बाद ही गांव से बदरवास आ रहे महेंद्र की एक सडक़ हादसे में मौत हो गई।
मौत के बाद परिवार में मातम का माहौल निर्मित हो गया है और सभी तैयारियां धरी रह गईं। इस प्रकार जन्म लेने के 8 दिन बाद ही दोनों मासूमों ने अपने पिता को और मां ने अपने पति को खो दिया।