अपहृत लड़की को नशीली दवाएं देकर 14 दिन तक बेहोश रखा

शिवपुरी। जिले के बदरवास थाना क्षेत्र से 14 दिन पूर्व हुए एक नाबालिग किशोरी के अपहरण की कहानी पुलिस ने सुलझा ली है। यह मामला मानव तस्करी से जुडा हुआ था। अपहरणकर्ता इस किशोरी को 1 लाख रू में बेचने की जुगाड में था। पुलिस ने इस मामले में अपहृत किशोरी को बरामद करते हुए 1 आरोपी का गिरफ्तार कर लिया है। जानकरी के अनुसार बदरवास के खपरैया गांव से सात दिन पहले 14 साल की नाबालिग को उसके पड़ोसी ने ही अगवा किया था। थाना प्रभारी सुनील शर्मा ने बताया कि 19 मार्च को बच्ची का अपहरण हुआ था। उसी दिन से गांव से युवक गंगाराम गायब था। चूंकि ये पड़ोसी था, इसलिए जल्दी शक हो गया। प्रारंभिक जांच में ये पता चला है कि ये किसी गुर्जर को 1 लाख रुपए में इस बच्ची को बेचने जा रहा था लेकिन गंगाराम के परिजनों पर पुलिस ने जैसे ही सख्ती दिखाई तो वे टूट गए। और परिजनो ने गंगाराम का ठिकाना बता दिया। 

गंगाराम परिजनों के बताए पते पर जंगल में मिला। इसके बाद जब उस पर दबाव बनाया तो उसने अपने परिजनों को संदेश दिलवाया कि पुलिस को सब पता लग गया है, ऐसे में छुल्ला को कहो कि लडक़ी को भिजवा दे। इसके बाद जंगल में ही छुल्ला लडक़ी को छोड़ कर चला गया। ये बच्ची पुलिस पार्टी को जंगल में ही बरामद हुई है। अब पुलिस छुल्ला की तलाश में दबिश दे रही है। 

नशीला पदार्थ देकर रखा गिरफ्त में
अपहृत किशोरी ने बताया कि मुझे नहीं मालूम कि ये लोग मुझे कहां ले गए थे। इन्होंने मुझे जंगल में ले जाकर एक जगह पर रखा। यहां पर एक औरत और करीब 45 से 50 साल का आदमी मेरी देखरेख करता था। ये लोग मुझे कुछ नशीला पदार्थ खिला देते थे, जिस कारण मुझे कुछ भी होश नहीं रहता था। मुझे यह भी पता नहीं लगता था कि मैं कहां हूं। मैं तो पुलिस को जंगल में मिली हूं। गंगाराम मेरे पड़ोस में रहता है इसलिए मैं उसके साथ चली गई थी। ये मुझे साथ ले जाते समय बोला था कि यहीं गांव में से आ रहे हैं, लेकिन जब थोड़ा आगे गए तो इसके साथ एक और आदमी था वो हमें साथ ले गया। फिर मुझे कुछ भी पता नहीं है।