शर्मसार है हम: 10 हजार के कर्जे में 4 साल से गुलाम बनकर रह रहा था यह परिवार

शिवपरी। मात्र 10 हजार रूपए के कर्जे के कारण एक परिवार पिछले 4 साल से एक फार्म पर गुलामो की जिंदगी बसर कर रहा था। इस परिवार के 5 सदस्यो का पिछले 4 साल से एक सरदार के फार्म पर काम करने और काम के एवज में फूटी कौडी आज तक नही लेने पर भी यह गुलाम परिवार मुक्त नही हो पाया था। सहरिया क्रांति के पहल पर इस परिवार को शिवपुरी पुलिस ने मुक्त करवाया है। 

जानकारी के अनुसार जिले के सिरसौद थाना क्षेत्र के ईटमा पंचायत के छिरोटा गांव का आदिवासी परिवार के मुखिया गोपी आदिवासी ने गांव के ही रहने वाले कृपाल सरदार से कर्जे के रूप में 10 हजार रूपए लिए। बताया जा रहा है कि गोपी आदिवासी परिवार में पत्नि सिया, 2 पुत्र राधे और राजेश,और पुत्री लक्ष्मी सहित 5 जिंदा आदमी इसी गांव के सरदार कृपाल के खेतो में दिन-रात कर करके भी   पिछले 4 साल में 10 हजार रू नही पटा पाया। गोपी के पत्नि सिया ने बताया कि हमारा पूरा परिवार उक्त सरदार के खेतो पर बधुंआ मजदूरी कर रहा है। हमे पिछले 4 साल में खाने के समान के  अतिरिक्त 1 रूपया भी नही दिया गया। 

हमसे खेतो पर इतना काम करवाया जाता था कि हमे नहाने का समय भी नही मिलता था। हमारे साथ जनवरो जैसा सलूक किया जाता था। हमारे परिवार को रहने और खाने-पीने के इतने संसाधन दिए गए थे कि हम बस जिंदा रह सके। 

ऐसे खुला यह मामला 
बताया गया है कि गोपी आदिवासी का छोटा बेटा राधे कृपाल सरदार की भैसो का पानी पिलाने ले गया था। भैस ने राधे के पैर पर पैर रख दिया। भैस के पैर को अपने पैर से हटाने के लिए राधे ने भैस में लठ्ठ मारा। इस घटना को कृपाल ने देख लिया और दूध देने वाली भैस में लठ्ठ मारने के कारण राधे की कृपाल ने लेजम से मारना शुरू कर दिया। 

मारपीट से बच्चे के लिए राधे ने वहां से दौड लगा दी। जब राधे देर रात तक नही लौटा तो परिवार ने तलाश शुरू की,लेकिन राधे नही मिला। परिवार ने सोचा की वह भागकर अपनी बहन के यहां शिवपुरी गया होगा। परिवार का मुखिया गोपी आदिवासी अपनी पत्नि सहित सिया सहित अपनी बडी बेटी गायत्री की सुसराल जो कि मनियर स्थित है वहां पहुंचा। वहां उन्है राधे मिल गया। गोपी और सिया ने पूरी काहानी अपनी बेटी गायत्री को सुनाई। 

गायत्री अपने माता-पिता को लेकर सहरिया क्रांाति के संयोजक संजय बैचेन के पास पहुंची और पूरा घटनाक्रम बताया। संयोजक सजंय बैचेन इस परिवार को लेकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमल मोर्य के पास लेकर पहुंचे। कमल मौर्य ने तत्काल सिरसौद थाना प्रभारी को इस मामले में कार्रवाई करने के आदेश दिए। इस आदेश पर सिरसौद थाना प्रभारी ने इस सरदार के फार्म पर जाकर इस आदिवासी परिवार के बचे सदस्यो को मुक्त करवाया और उनकी गृहस्थी का समान अपनी गाडी में भरवाया। 

इस परिवार ने मिडिया को बताया की उनका बडा लडका राजेश अभी भी गायब है। उक्त सरदार ने ही इस बच्चो को कही बहार भेज दिया। अपनी इसी शिकायत को लेकर यह गुलाम परिवार एसपी शिवपुरी से मिलने एसपी ऑफिस पहुंचा था,लेकिन उनकी मुलाकात नही हो सकी।