कोलारस उपचुनाव: सिंधिया सरकार का खौफ, जमीन पर आ गए शिवराज

ललित मुदगल एक्सरे/शिवपुरी। कोलारस उपचुनाव का दंगल में अब प्रतिदिन नए-नए दांव पेंच देखने को मिल रहे हैं। यह चुनाव प्रदेश के सीएम शिवराज की परीक्षा लेगा कि वह चौथी पारी के लिए तैयार हैं, उनके लिए यह चुनाव अग्रि परीक्षा है, तो सांसद सिंधिया के लिए यह चुनाव भी परीक्षा है, उनको भी यह रण जीतकर स्वयं को सबित करना है कि वे भी अब कांग्रेस की ओर से सीएम केंडिडेट के योग्य है। यह मुकाबला अब भाजपा के प्रत्याशी देवेन्द्र जैन और कांग्रेस के प्रत्याशी महेन्द्र सिंह के बीच नहीं शिवराज और सिंधिया के बीच है। जैसे ही कोलारस के उपचुनाव का होना तय हुआ वेसे ही यहां भाजपा के मंत्रियो के शिविर लगना चालू हो गए थे। अब सीएम की सभाओ की गिनती ही नही रही और भाजपा का संगठन भी पूरी ताकत के साथ यहां खड़ा हो गया है। 

कांग्रेस की ओर से यह केवल सांसद सिंधिया ही अकेले दम दिखा रहे है। अन्य कांग्रेसी नेता तो यहां पर्यटन करने आते है और चले जाते है। सांसद सिंधिया के घेरने के लिए पूरी भाजपा रण में दिखाई दे रही है। इस चुनाव में अभी तक यह देखेने को आया कि कांग्रेस प्रत्याशी पर भाजपा ने कोई भी जुबानी हमला नही किया है,हां भाजपा प्रत्याशी देवेन्द्र जैन ने अवश्य कल एक सभा में गड़े मुर्दे उखाडने की कोशिश की थी।

प्रदेश के सीएम शिवराज हो या भाजपा के मंत्री और संगठन के लोग सिर्फ सांसद सिंधिया को ही घेरेने का प्रयास कर रहे है। लेकिन सांसद सिंधिया की सभाओ में भीड़ कम होने का नाम नही हो रही। कैसे भी भाजपा का कुनवा सांसद सिंधिया को घेरने का प्रयास कर रहे है। 

सासंद सिंधिया अपना जलवा अटेर विधानसभा में दिखा चुके है,कोलारस विधानसभा में उनके संसदीय क्षेत्र में आती है। तो अटेर से ज्यादा प्रभाव यहां होना स्वाभिक है। शिवराज सिंह कैसे भी यह चुनाव जीतना चाहते है जी-जान से प्रयास भी कर रहे है। सीएम शिवराज सिंह को इस चुनाव के हार का इतना सर में दर्द है कि कोलारस से सहरियो के वोट हथियाने के लिए सब्जी  ओर दूध के लिए 1 हजार रू प्रत्येक माह की घोषणा की है। 

भावांतर के योजना के पैसे भी कोलारस में सबसे तेज आने की खबर आती रही है। कुल मिलाकर इस सीट पर सिंधिया का खौफ इतना है कि प्रदेश के सीएम रात-रात भर कोलारस विधानसभा क्षेत्र में घूम रहे है। कांग्रेसियो का कहना है कि इस सरकार को सिंधिया सरकार का इतना खौफ है कि सीएम 2 माह में इतनी बार कोलारस आ गए इतनी बार तो वे बुधनी भी नही गए होगें। 

इसी चुनाव में लगभग सभी जातियो का रूझान लगभग तय माना जा रहा है लेकिन अनुसुचित जाति और जनजाति के वोट किस ओर जाऐगा। इन वोटो का गणित अभी किसी के पास नही है। इस कारण सीएम शिवराज सिंह ने स्थानीय टूरिस्ट विलेज  में अनुसुचित जाति और जनजाति के प्रभावशील लोगो को आमंत्रित किया था। 

होटल के बाहर लोन में यह सभी सीएम शिवराज का इंतजार कर रहे थे तभी अचानक शिवराज वहां आ पहुंचे और सीधे जमीन पर बैठ गए और उनसे कहा कि मे तो तुम में से ही एक हूॅ मेें तो तुम्हारे साथ जमीन पर ही बैठकर चर्चा करूंगा। जैसे ही इस बात की चर्चा होटल से बाहर आई कि शिवराज जमीन पर। वैसे ही कांग्रेसियो ने बोलना शुरू कर दिया कि सिंधिया सरकार का खौफ शिवराज जमीन पर...।