सातवां वेतनमान : मुख्यमंत्री को घेरने की पेंशनरों ने बनाई रणनीति

शिवपुरी। प्रदेश के साढ़े चार लाख से अधिक अधिकारी-कर्मचारी पेंशनर्स को सातवां वेतनमान देने में की जा रही देरी की जिले के पेंशनरों में आक्रोश है और उन्होंने वेतनमान न दिए जाने को लेकर मुख्यमंत्री को घेरने की रणनीति बनाई है। पेंशनर्स ऐसोसियेशन की जिला शाखा शिवपुरी ने अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम अनुसार 12 जनवरी को विवेकानंद जयंती के अवसर पर स्थानीय कर्मचारी भवन पर दोपहर 1 बजे बैठक आयोजित की। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के आगामी दौरे के दौरान वेतनमान दिए जाने को लेकर उन्हें घेरने की रणनीति बनाई है।  

पेंशनर्स ऐसोसियेशन की जिला ईकाई शिवपुरी के अध्यक्ष अशोक सक्सेना वमीडिया प्रभारी शिखरचंद कोचेटा ने बताया कि बैठक दो चरणों में आयोजित हुई। प्रथम चरण युग पुरुष महान संत स्वामी विवेकानंद के चित्र पर माल्यार्पण के साथ प्रारंभ हुआ। इस अवसर पर स्टेट बैंक आफ इंडिया शिवपुरी के लीड बैक मैनेजर महेश चंद शर्मा जो कि दिनांक 17 दिसंबर 2017 पेंशनर्स दिवस पर कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि थे किंतु अति आवश्यक कार्य से बाहर चले जाने से उपस्थित नहीं हो सके थे को शॉल एवं श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया। इसी क्रम मंे पेंशनर्स ऐसोसियेशन की जिला शाखा शिवपुरी के हित में समर्पित भाव से काम करने के लिए संगठन कार्य के संयोजक एमएम शर्मा, कोषाध्यक्ष आरएस झोंकर, उपाध्यक्ष एसएस पवार को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में नावार्ड के अय्यर तथा अवधेश कुमार सक्सेना ने बैकिंग के संबंध में कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी।

बैठक के द्वितीय चरण में पेंनशर्स को सातवां वेतनमान दिए जाने के संबंध में सरकार के नजरिए की चर्चा करते हुए संघ के प्रांतीय निर्देशों के पालन में जिले के सांसद, मंत्री, विधायक, जिला पंचायत, नगर पालिका एवं नगर परिषद के अध्यक्षों को ज्ञापन सौंप कर मुख्यमंत्री को अनुशंसा पत्र लिखाने के लिए कहा जाएाग। साथ ही कोलारस विधानसभा के उपचुनाव में प्रचार के लिए आ रहे मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान के आगामी दौरे पर उन्हे एक ज्ञापन सौंप कर पेंशनर्स को दिनंाक 1 जनवरी 2016 से सातवां वेतनमान देने की मांग की जाएगी। बैठक में सुरेन्द्रसिंह कुशवाह, लखनसिंह कुशवाह, करैरा से एसपी श्रीवास्तव, पिछोर से कैलाश नारायण नीखरा, रमेशचंद गुप्ता, भौंती से राजेन्द्र गुप्ता, खनियांधाना से आरजी स्वर्णकार, कोलारस से रामनिवास भार्गव, कालूराम लोधी, बदरवास से शिखरचंद कोचेटा, भागीरथ रघुवंशी मौजूद थे।