
सहरिया जनजाति के युवाओं को बिना परीक्षा सरकारी नौकरी देने के लिए शिवराज सरकार मप्र लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण) नियम 1998 में संशोधन कर रही है। प्रस्ताव के तहत यदि आवेदक जिला श्योपुर, मुरैना, दतिया, ग्वालियर, भिंड, शिवपुरी, गुना और अशोकनगर की सहरिया जनजाति का है तो संविदा शाला शिक्षक या तृतीय/चतुर्थ श्रेणी के किसी भी पद के लिए या वनरक्षक के लिए बिना भर्ती प्रक्रिया अपनाए उसे नियुक्ति दी जाएगी। बता दें कि आरटीई के तहत संविदा शिक्षक के लिए बीएड या डीएड अनिवार्य है परंतु सरकार यह शर्त भी हटा रही है। इस पद के लिए तय की गई न्यूनतम अहर्ता होना जरूरी है। अब तक सहारिया, बैगा और भारिया जनजाति के लोगों को इस नियम का फायदा मिल रहा था।