सीएम शिवराज सिंह ने शिवपुरी एसपी की पीठ थपथपाई | SHIVPURI NEWS

भोपाल. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने डकैत अरविंद रावत को गिरफ्तार करने पर एसपी शिवपुरी की पीठ थपथपाई है। बलात्कार के मामले में पुलिस की किरकिरी होने के बाद सीएम ने शिवपुरी पुलिस की इस सफलता को उल्लेखनीय उपलब्धि माना है। सीएम ने इसके लिए मप्र पुलिस को बधाई दी है। साथ ही दोहराया है कि 'मध्यप्रदेश में या तो मैं रहूंगा या डकैत।'

कौन है डाकू अरविंद रावत
कुछ साल पहले एनकाउंटर में मारे गए कुख्यात डकैत हजरत रावत का भाई अरविंद रावत भी जंगल में भाग गया और हथियार थाम लिए। इसके बाद उसने वारदातें शुरू कर दीं। कुछ महीने पहले दतिया पुलिस ने उसे पकड़ लिया। अरविंद जेल में था, उसी दौरान बीमारी का बहाना करके हॉस्पिटल में भर्ती हो गया। इसके बाद सिपाहियों को चकमा देकर इसी साल 17 जुलाई को भाग गया। पुलिस ने अरविंद पर 40 हजार रुपए का इनाम घोषित कर दिया। पुलिस कस्टडी से भागने के बाद अरविंद ने कई वारदातें कीं और फिर बड़ा डकैत बनने की कोशिश करने लगा।

तीन जिलों की पुलिस को थी तलाश
दो-तीन महीनों में यह स्थिति हो गई कि दतिया, शिवपुरी और ग्वालियर पुलिस अरविंद रावत को खोजने में लग गई। कई गांवों में लोग अरविंद रावत से डरने लगे। मंगलवार की सुबह शिवपुरी पुलिस को सूचना मिली कि अरविंद का मूवमेंट परेवा दांत के जंगल के आसपास देखा गया है। इसके बाद एसपी सुनील पांडेय ने तेंदुआ थाना प्रभारी रविन्द्र सिंह की टीम को भेजा।

शिवपुरी पुलिस ने पकड़ा

इस मामले में शिवपुरी के एसपी सुनील पांडे ने बताया कि जंगल में पुलिस के साथ अरविंद रावत का आमना-सामना हुआ, लेकिन पुलिस का घेरा देखकर अरविंद के हौंसले पस्त हो गए। अंत में उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। डकैत अरविंद के पास से एक 12 बोर की बंदूक और 15 जिंदा राउंड बरामद हुए हैं। अरविंद के ऊपर दो दर्जन से अधिक संगीन मामले पुलिस थानों में दर्ज हैं। इस मुठभेड़ में अरविंद के दो साथी भागने में सफल हो गए। कुछ दिन पहले शिवपुरी ने अरविंद गिरोह के दो डकैतों सुरेश गुर्जर और देवेन्द्र को पकड़ा था। इनके पास से पुलिस को एक सरकारी राइफल भी मिली थी। इसके बाद पुलिस को अरविंद के बारे में भी जानकारियां मिलीं।