
यह छात्र सिर्फ परीक्षा के दौरान ही स्कूल आते हैं और परीक्षा देने के बाद फिर स्कूल आना बंद कर दिया जाता है। जिम्मेदारों द्वारा स्कूलों की मॉनिटरिंग नहीं की जा रही जिस कारण स्कूल संचालक अपनी मनमानी कर रहे हैं और मोटी रकम कमाने के चक्कर में ऐसे छात्रों को एडमीशन दिया जा रहा है जो स्कूल आते ही नहीं। बताया जाता है कि जिले में लगभग एक दर्जन ऐसे स्कूल हैं जिसमें ऐसे छात्रों को एडमीशन दे दिया गया है जो स्कूल पढऩे आते ही नहीं है।
स्कूल में एडमीशन, बाहार रहकर कर रहे तैयारी
जिले में लगभग एक दर्जन से अधिक स्कूल ऐसे हैं जिसमें ऐसे छात्रों को रेग्युलर एडमीशन दिया गया है जो स्कूल पढऩे आते ही नहीं है। यह छात्र बाहर शहरों में रहकर प्रतियोगिता परीक्षा, आईआईटी, इंजीनियरिंग, पीएससी आदि की तैयारी कर रहे हैं।
छात्रों से स्कूल संचालकों ने मोटी रकम लेकर रेग्युलर एडमीशन दिया है। यह छात्र सालभर स्कूल नहीं आते। जैसे ही परीक्षा का टाइम आता है तो छात्र सिर्फ नाम मात्र के पेपर देने के लिए स्कूल आते हैं और पेपर खत्म होने के बाद फिर चले जाते हैं।
हर साल लाखों कमा रहे स्कूल संचालक
बताया जाता है कि स्कूल संचालक छात्रों को स्कूल न आने का लालच देकर उनसे मोटी रकम ऐंठने का काम कर रहे हैं। स्कूल में न आने की छात्रों की शर्तों को लेकर एडमीशन देने वाले स्कूल संचालक हर साल लाखों रुपए कमा रहे हैं। अब तो प्रतिवर्ष ऐसे छात्रों की सं या बढ़ रही है जो स्कूल में सिर्फ नाम के लिए रेग्युलर एडमीशन लेते हैं और स्कूल न आकर बाहर तैयारी करते हैं।
शिक्षा विभाग की मॉनिटरिंग फैल
शिक्षा विभाग द्वारा ऐसे स्कूलों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की जा रही है। वहीं मॉनिटरिंग करने वाले अधिकारी भी थोड़े से लालच के चक्कर में जि मेदारों पर कोई भी कार्रवाई नहीं करते और एक तरह से मौन स्वीकृति स्कूल संचालकों को इन विभागीय कर्मचारियों द्वारा दे रखी है।
जल्द करेंगे नामों का खुलासा
हमारी न्यूज टीम द्वारा ऐसे स्कूलों का अपनी पड़ताल के दौरान पता लगाया है जिसमें ऐसे छात्रों को एडमीशन दिया गया है जो स्कूल ही नहीं आते और बाहर रहकर तैयारी कर रहे हैं। टीम जल्द ही ऐसे स्कूलों के नामों का खुलासा करेगी जिसमें स्कूल न आने वाले बच्चों को एडमीशन दे दिया गया है। टीम ने अभी तक लगभग एक दर्जन स्कूल ऐसे खोजे हैं जिसका जल्द ही खुलासा किया जाएगा।
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