शिवपुरी। कृषि उपज मंडी बदरवास में आज उस समय हंगामा खड़ा हो गया जब एक किसानों की उड़द की फसल के दाम एक व्यवारी ने 500 रूपए क्विंटल के हिसाब से बोली लगाई गई। तो किसानों के गले नहीं उतरी और उन्होंने उग्र आंदोलन करने के लिए किसान सडक़ पर उतर आए और इस बात की जानकारी लगते ही स्थानीय प्रशासनिक अमला भी मंडी प्रांगण पहुंचकर पूरे मामले की हकीकत जानने में जुट गया। किसान का आरोप था कि भावांतर योजना का लाभ लेने के लिए फसल का रजिस्ट्रेशन कराया था।
लेकिन व्यापारियों की मनमानी के कारण किसान योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं उनका कहना था कि यदि 500 रूपए क्विंटल के हिसाब से यदि हमारे उड़द खरीदे गए तो हम भावांतर योजना की पात्रता में ही नहीं आ पा रहे हैं। जिस पर से किसान उग्र हो गए और सडक़ों पर उतर आए और उन्होंने चक्का जाम कर दिया। यहां उल्लेख करना प्रासंगिक होगा कि राधेचरण धाकड़ निवासी झूलना अपनी उड़द की फसल को बेचने के लिए लेकर आया तभी वहां पर एक जुट होकर आए व्यापारियों ने बोली लगाना शुरू कर दी जिस पर से एक व्यापारी आस्था ट्रेनिंग के संचालक ने किसान राधेचरण की उनकी उड़द की फसल के दाम 500 क्विंटल के हिसाब से बोली लगाई जिस पर से किसान उड़द की फसल की बोली कम लगते किसानों ने उग्र आंदोलन शुरू कर दिया।
उसका कहना था कि उड़द की फसल का रजिस्ट्रेशन भावांतर योजना के तहत किया गया था। लेकिन उड़द की फसल के दाम 500 रूपए क्विंटल के हिसाब लगने से वह योजना के पात्रता में ही नहीं आ रहा है। इस घटना की जानकारी नायब तहसील श्रीमती पाल को लगी तो वह तत्काल मंडी प्रांगण में पहुंचकर पूरे मामले शांत करने का प्रयास किया और पुन: बोली चालू कराई गई और उन्हीं उड़दों के दाम दूसरी फर्म अनिल देवेन्द्र ने 1400 रूपए के हिसाब खरीदी तब जाकर कहीं मामला शांत हो सका और पूरी मंडी में पुन: डांक लगाकर किसानों की फसल की बोली लगाने का कार्य प्रारंभ किया जा सका। सबसे बड़ी बात यह रही कि मंडी में इतना हंगामा होने के बाद भी मंडी सचिव इस पूरे मामले से दूर बने रहे।