
दुल्हारा गांव की वृद्घा दौजी आदिवासी ने बताया कि साल 2014 में गांव के ही बंशी धाकड़ से उसने 50 हजार रुपए उधार लिए थे। इसके ऐवज में 0.85 हेक्टेयर नैनागढ़ स्थित जमीन गिरवीं रख दी थी, उसी दौरान बंशी ने अपने बेटे हाकिम के साथ उसे पोहरी रजिस्ट्रार कार्यालय बुलाया जहां गिरवींनामा रखने की बात कही, साथ ही ब्याज की राशि तय हुई थी।
उसने 50 हजार और 35 हजार ब्याज के कुछ लोगों की गवाही में बंशी को वापस कर दिए और जब गिरवींनामा रद करने की बारी आई तो खुलासा हुआ कि हाकिम और बंशी ने मिलकर अभय को आदिवासी बताकर उसके नाम फर्जी तरीके से रजिस्ट्री व नामांतरण करा लिया।
इस बात की उसने तहसील में शिकायत की तो तारीख लगाई गई थी। इसमें बंशी अपने बेटे नरेश धाकड़ सहित सरखंडी तेंदुआ निवासी सूखा के साथ आया था। यहां दौजी आदिवासी भी अपनी बहू सुनीता और पवित्रा के साथ तारीख पर आई थी। इसी दौरान जब नरेश ने अभद्रता की तो महिलाओं ने उसे और बंशी को निशाना बनाते हुए मारपीट कर दी।