
संस्था बदरवास लीड संस्था होने से क्षेत्र की अन्य सहकारी संस्थाओं में भी उपभोक्ता सामग्री प्रदाय की जाती थी, आरोपी का दायित्व था कि बिक्री की राशि को शाखा बदरवास के नियमानुसार जमा करें, किंतु आरोपी द्वारा 11 अप्रैल 1991 से 5 जुलाई 1993 के बीच बिक्री की राशि को शाखा बदरवास में नियमानुसार जमा न करते हुए अपने स्वयं के लिए उपयोग किया।
वहीं 21 मार्च 2001 को शाखा प्रबंधक, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित शाखा बदरवास जिला शिवपुरी में इस संबंध में पुलिस थाना बदरवास में एक शिकायती आवेदन पत्र दिया था जिस पर से थाना बदरवास में एफआईआर पंजीबद्ध की गई थी। विवेचना के बाद चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया। जहां न्यायालय ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद आरोपी को सजा सुनाई गई। मामले में शासन की ओर से पैरवी सुनीलमणि त्रिपाठी, सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी तहसील कोलारस जिला शिवपुरी द्वारा की गई।
Social Plugin