सहरिया क्रांति की जन अधिकार रैली में उमड़ी 15 हजार की भीड़

शिवपुरी। अपने अधिकारों की लड़ाई को लेकर हजारों की तादात में सहरिया समुदाय सडक़ों पर उतर आया।  सहरिया क्रांति के बैनर तले निकाली गई जन अधिकार रैली में आज शहर की सडक़ों पर सहरियाओं का सैलाब उस समय देखते ही बना जब रैली में हाथों में तख्तियां लिए युवा, किशोर, महिलाऐं और बुजुर्ग आदिवासियों की भीड़ नारे बुलन्द करती कलेक्टोरेट की ओर बढ़ती दिखाई दी। इस रैली में लगभग 15 हजार आदिवासियों ने बढ़ चढ़ कर शिरकत की। 

जिले के आदिवासियों की बुनियादी समस्याओं के सम्बंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के नाम सहरिया क्रांति संगठन द्वारा कलेक्टर को एक मांग पत्र भी सौंपा गया जिसे डिप्टी कलेक्टर एल.के. पाण्डे ने ग्रहण किया। आदिवासी मुखियाओं ने 27 सूत्रीय ज्ञापन खुद पढक़र सुनाया। इस जन अधिकार रैली में शामिल आदिवासियों का स्थान स्थान पर राजनैतिक दलों, समाजसेवी संगठनों और अन्य शहर वासियों ने जोरदार स्वागत किया।

रैली का शुभारम्भ विवेकानंदपुरम से हुआ जहाँ सहरिया क्रांति के संयोजक संजय बेचैन ने ग्रामीण क्षेत्रों से प्रत्येक गाँव के दो दो आदिवासी मुखियाओं का माल्यार्पण कर रैली को हरी झण्डी दिखाई। रैली में एक ओर पुरुष पंक्तिबद्घ चल रहे थे वहीं दूसरी महिलायें एवं बालिकायें भी पूरी तरह अनुशासित अंदाज में दिखाई दीं। रैली की विशालता का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब रैली का एक छोर विष्णु मंदिर क्रॉस कर रहा था दूसरा छोर फिजीकल कॉलेज के मुख्य द्वार पर ही था। 

महारैली विवेकानंद पुरम से शुरू होकर फिजीकल चौराहा, विष्णु मंदिर, नीलगर चौराहा, लुहारपुरा, गुरुद्वारा चौक, माधव चौक, हंस बिल्डिंग, कस्टम गेट, प्रगति बाजार, गांधी चौक, कोर्ट रोड़, अस्पताल चौक होते हुए कलेक्टोरेट पहुंची जहाँ आदिवासी मुखियाओं के नेतृत्व में ज्ञापन प्रशासन को सौंपा गया। 

इस रैली की अगुवाई सहरिया क्रांति के संयोजक संजय बेचैन, वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक प्रमोद भार्गव, प्रबंध सम्पादक पवन बोहरे, श्री उमर खान आदि कर रहे थे। इस रैली में युवा शक्ति का सराहनीय सहयोग रहा जिनमें रानू रघुवंशी, अभिषेक विद्रोही, मनोज भार्गव, पत्रकार विजय बिंदास, सतेन्द्र उपाध्याय, सोनू शर्मा, मयंक शर्मा, मोनू सिरसौद, देवा सोनी, नितिन सोनी, सुधीर आदि का विशेष सहयोग रहा।

इन माँगों को लेकर सौंपा ज्ञापन
कृषि पट्टों को दबंगों के कब्जे से मुक्त कराना, बंधुआ बने आदिवासियों को मुक्त कराना, दबंगों द्वारा आदिवासियों के नाम क्रय की गई परिसम्पत्ति की जाँच कर उसे शासकीय घोषित करने, जिले में तालाबों और नहरों से सिंचाई को लेकर आदिवासियों से हो रहे पक्षपात को रोके जाने, शिक्षित युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मुहैया कराने, किसान क्रेडिट कार्ड सहजता से उपलब्ध कराने, उज्जवला योजना का लाभ शत प्रतिशत सहरियाओं को दिलाए जाने की मांग की। 

ग्राम हातौद में आदिवासी समुदाय और सहरिया क्रांति के संयोजक पर हमला करने वालों द्वारा झूठा प्रकरण पंजीबद्घ कराए जाने की न्यायिक जाँच कराए जाने, आदिवासी छात्रावासों में सुविधायें उपलब्ध कराए जाने, आदिवासियों के नाम से संचालित स्व सहायता में आदिवासी पदाधिकारी ही नियुक्ति किए जाने,सहरिया बस्तियों में पेयजल संकट का समाधान प्राथमिकता से किया जाने, सामुदायिक भवन का निर्माण कराए जाने, प्राथमिकता के आधार पर सहरियाओं को आवास मुहैया कराए जाने, छात्रावासों में में छात्र अनुपात के मान से शिक्षक तैनात किए जाने, छात्रावासों में भाषायी शिक्षकों की नियुक्ति किए जाने, सहरिया बस्तियों में अवैध शराब का विक्रय रोके जाने सहित 27 माँगें शामिल थीं। इस ज्ञापन में हजारों की तादात में आदिवासियों ने अपने हस्ताक्षर दर्ज किए। रैली का समापन कलेक्टोरेट पर एक सभा के रूप में हुआ।

जगह जगह हुआ आतिशी स्वागत
रैली का जगह जगह आतिशी स्वागत किया गया जिसमें फिजीकल रोड़ पर पार्षद गौरव चौबे के नेतृत्व में मित्रमण्डल ने स्वागत किया। इसके बाद गुरुद्वारा चौक पर नीतू सोनी, अंकित व्यास, गुड्डा खांन, मयंक शर्मा मित्रमण्डल ने स्वागत किया। माधव चौक चौराहे पर कपिल जूस सेन्टर के संचालक कपिल मिनोचा सहित अजय रघुवंशी, अंकित, रोहित जैन, शैलेष शर्मा, सूरज बंसल, राजा कुशवाह, गोपाल सिंह आदि ने स्वागत किया। 

माधव चौक पर ही आम आदमी पार्टी के विपिन शिवहरे के नेतृत्व स्वागत किया। शहर काँग्रेस अध्यक्ष सिद्घार्थ लड़ा ने भी अपनी टीम के साथ रैली में चल रहे सहरिया क्रांति के सदस्यों का स्वागत किया। अस्पताल चौराहे पर शिवसेना जिलाध्यक्ष बालकिशन शिवहरे पप्पू के नेतृत्व में पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया जिसमें प्रशांत गौड़, राहुल गुर्जर, काँग्रेस पिछड़ा वर्ग मोर्चा जिलाध्यक्ष हरिओम राठौर हटैयन, राजेश प्रजापति, नरोत्तम मारौरा, विजय राय, अमित राय ने स्वागत किया।