बोर खनन पर रोक के बाद भी धड्डले से चल रही है मशीन

0
विकाश कुशवाह/कोलारस। शिवपुरी जिला जल अभाव ग्रस्त घोषित होने के बाद भी महाराष्ट्र और पंजाब की मशीनों से लोग धड़ल्ले से बोर खनन करा रहे हैं। कलेक्टर तरूण राठी ने बीते दिनों ही आदेश जारी किया था जिसमें और कहा कि सिर्फ उन्हीं जगह बोर सकेंगे जहां पेयजल की अनिवार्य रूपसे जरूरत महसूस की जा रही है। लेकिन जिले के कई हिस्सों में विशेषकर कोलारस बदरवास क्षेत्र में कुछ लोग धड़ल्ले से खनन करा रहे हैं। देर रात में यह मशीने स्थानीय दबंगों के माध्यम से पंजाब और महाराष्ट्र से मशीनें से खनन कार्य कराया जा रहा है। कोलारस अनुविभाग में करीब आधा दर्जन मशीनो से करीब 40 से 50 बोर क्षेत्र में ही बोर करा रही है। जिनहे क्षेत्र के दबंगो द्वारा ठेंके पर लेकर चलाया जा रहा है। और प्रशासन हाथ पर हाथ रखकर बैठा है। सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले भर में कई जिम्मेदार एक बोर खनन के लिए मोटी रकम वसूल रहे है। जिससे बोर उत्खनन पर विराम नहीं लग पा रहा है। अगर अभी से सावधानी नही बरती गई तो सेंकडो जगह पानी का संकट गहरा सकता है।

प्रशासनिक मशीनरी संदेह के घेरे में 
सबसे बड़ी बात यह है। मामले की जानकारी सुत्रो द्वारा जिम्मेदारो को देने के बाद भी बोर उत्खनन कारियो को कार्यवाही से पहले ही सूचना दे दी जाती है। जिससे बोर खननकारी मौके से भाग जाते है। साथ ही प्रशासनिक अधिकारियो द्वारा जानकारी देने बाले का नाम और मोबाईल नंबर भी खनन ठेकेदार को दे दिया जाता है। जिसके बाद ठेकेदार जानकारी देने वालो पर अनुचित दबाब बनाता है और धमकी दी जाती है। 

इससे पहले भी कोलारस में लकड़ी वाहन की सूचना देने पर कुछ पत्रकारो के नाम और नंबर किसी अधिकारी ने लकड़ी मांफियाओ को बता दिये थे जिसके बाद लकड़ी मांफिया देर रात पत्रकार के घर पर हमला करने पहुंच गए थे। इन घटनाओ से प्रशासनिक मिलीभगत की बात को भी नाकारा नही जा सकता है। अगर कार्यवाही करने कि जगह सूचना देने वाले का नाम अधिकारी उजागर करेंगे तो आगे सूत्रो के साथ कोई भी जन होनी हो सकती है यह एक गंभीर विषय है।  
Tags

Post a Comment

0Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!