पिछोर थाना क्षेत्र में चल रहा था जुए का फड़, अन्य थानों की पुलिस ने पकड़ा

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पिछोर। जिले के पिछोर थाने से लगभग 3 किमी दूर चौरसिया के खेत में चल रहे एक जुए के फड़ पर रन्नौद खनियाधाना और हिम्मतपुर चौकी के पुलिस बल ने एसपी सुनील पांडे के निर्देश और एसडीओपी सुजीत सिंह भदौरिया के निर्देशन में मौके पर पहुंचकर दबिश दी जहां से 15 बाइकें और 6 जुआरियों को 19 हजार रूपए की राशि के साथ गिरफ्तार कर लिया है। जबकि तीन दर्जन से अधिक जुआरी वहां से भाग खड़े हुए जिन पर बड़ी संख्या में रूपए रखे हुए थे। पुलिस उनकी तलाश में जुट गई है। 

खास बात यह है कि पिछोर पुलिस को इस कार्यवाही की भनक तक नहीं लगी। अपुष्ट सूत्र बताते हैं कि उक्त जुए का फड़ पुलिस की देखरेख में संचालित हो रहा था। इसकी दबी जुबां से पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी पुष्टि की है। इस मामले में जुआरियों के खिलाफ 13 जुआ एक्ट के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया है।

रात्रि करीब 11:30 बजे पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार पांडे को मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि पिछोर में बड़े स्तर पर जुआ चल रहा है और वहां आधा सैंकड़ा से अधिक जुआरी जुटे हुए हैं। जिनके पास बड़ी रकम भी है। इस सूचना पर एसपी पांडे ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमल मौर्य को कार्यवाही हेतु निर्देशित किया जिस पर श्री मोर्य ने एसडीओपी सुजीत भदौरिया को टीम गठित कर कार्यवाही करने के आदेश दिए। 

साथ ही उन्हें यह भी बताया गया कि इस कार्यवाही में पिछोर पुलिस की सहभागिता न हो। निर्देश मिलने के बाद श्री सुजानिया ने रन्नौद थाना प्रभारी रामेंद्र सिंह चौहान, खनियाधाना थाना प्रभारी विजयपाल सिंह जाट और हिम्मतपुर चौकी प्रभारी तुरंत अपने थाने का बल तैयार कर पिछोर बुलाया और रात्रि 12:30 बजे के लगभग मुखबिर द्वारा बताए गए स्थान पर दबिश दी।

जहां विद्युत रोशनी में खेत पर आधा सैकड़ा से अधिक लोग जुटे हुए थे और वहां बाइकों की भीड़ लगी हुई थी। पुलिस ने चारों ओर से खेत को घेर लिया और जुआरियों की धरपकड़ शुरू कर दी। जहां से पुलिस ने तरूण, रवि सिंह गौर, विजय करण, वीरेंद्र पाराशर, अवधेश निवासीगण पिछोर तथा रूपसिंह निवासी खनियाधाना को गिरफ्तार कर लिया। जिनके पास से 19 हजार रूपए की राशि बरामद कर ली है। 

15 बाइकें पकड़ी एफआईआर में 9 दर्शाईं
पिछोर एसडीओपी सुजीत सिंह भदौरिया के अनुसार मौके से 15 बाइकें जब्त की गई थीं। हालांकि एफआईआर में सिर्फ 9 बाइकें ही दर्शाई गई हैं। इस संदर्भ में एसडीओपी श्री भदौरिया से पूछा गया तो उनका कहना था कि उन्होंने भी पिछोर टीआई धर्मेंद्र सिंह यादव से इसका कारण पूछा तो उनका कहना था कि 6 बाइकें उनके मुखबिरों की थी।

जिस कारण उक्त बाइकों को छोडऩा पड़ा। जबकि कार्यवाही करते समय पिछोर पुलिस को जानकारी तक भी नहीं दी गई थी। ऐसी स्थिति में पिछोर पुलिस ने वहां मुखबिर कैसे पहुंचा दिए। यह आश्चर्य की बात है और इन्हीं कारणों से पिछोर पुलिस की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है। 

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