मनरेगा:15 साल पहले मरे हुए लोगों को मजदूरी करते दिखा रहे थे सरपंच सचिव

शिवपुरी। भ्रष्टाचार का गढ़ बन चुके शिवपुरी में आए दिन सरपंच सचिव शासन की मत्वाकांक्षी योजनाओं को लोगों तक तो नहीं पहुंचा पा रहे है। परंतु अधिकारी और कर्मचारीयों की मिली भगत से उक्त सरपंच और सचिव अपनी जेब भरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे है। लगातार भष्ट्राचार की काली करतूते जिले भर से समाने आ रही है। जिसके चलते कई सहायक सचिव और सचिवों पर विभागीय कार्यवाही के साथ सस्पेंड भी हो चुके है। उसके बावजूद भी उक्त कर्मचारी अपनी करतूतो से बाज नहीं आ रहे है। आज जो मामला प्रकाश में आया है उसमें रोजगार सहायक ने मिली भगत कर मरे हुए लोगों को मजदूरी करना दर्शाया है। 

मामला ग्राम पंचायत ठेवला का है जहां आदिवासीयो की मृत्यु के 10 से 15 वर्ष पहले हो जाने तक सरपंच और सचिव उन्हें जीवित बताकर उनके नाम पर रूपयों का आहरण करते आए है। बताया गया है कि मृतक गुड्डू पत्नि सुजान आदिवासी, बाबू पत्नि गिरवर आदिवासी, कंचन आदिवासी को पंचायत द्वारा मनरेगा के निर्माण कार्य में मजदूरी करते हुए दिखाया गया है। इस आरोपी की की पुष्टि हेतु एसडीएम पोहरी ने 6 जुलाई को ग्राम पंचायत ठेवला में पहुंचकर जांच की तो चौकाने वाले पहलू सामने आए। 

ग्राम पंचायत ठेवला में जिन आदिवासियों की मृत्यु 10 से 15 पहले हो चुकी है उन्हें जीवित बताकर मनरेगा में मजदूरी पर दर्शाकर लाखों रूपये का भुगतान प्राप्त कर लिया गया। मृतक आदिवासियों को वर्ष 2013-14 में मनरेगा में मजदूरी पर दर्शाया गया और इस गलत काम को जायज ठहराने के लिए वर्ष 2014-15 के फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी कर दिए गए। 

लाखों रूपए का आहरण करने का यह कारनामा ग्राम पंचायत ठेवला के पूर्व सचिव विनोद शर्मा, पूर्व सरपंच और पूर्व ग्राम रोजगार सहायक ने कर दिखाया है। वहीं वर्तमान सरपंच श्यामबिहारी शर्मा ने 10-15 साल पहले मृत हो चुके आदिवासियों को 2014-15 में मृत बताकर मृत्यु प्रमाण पत्र पुस्तिका में फर्जी प्रविष्टि की है। अनुविभागीय अधिकारी पोहरी ने इस बावत जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमति नीतू माथुर को दोषी लोगों के खिलाफ कार्यवाही हेतु पत्र लिखा है। 

बताया जाता है कि मृतक श्रीमति गुड्डू पत्नि सुजान आदिवासी, बाबू पुत्र गिरवर आदिवासी, कंचन आदिवासी, श्रीमति पार्वती आदिवासी पत्नि सुरेश आदिवासी को पंचायत द्वारा मनरेगा के निर्माण कार्य में मजदूरी पर दर्शाया गया था। इस आरोपी की पुष्टि हेतु अनुविभागीय अधिकारी पोहरी ने 6 जुलाई 2017 को ग्राम पंचायत ठेवला में पहुंचकर जांच की तो चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए। आदिवासियों ने जांच के समय पंचनामा दिया कि गुड्डी आदिवासी, बाबू आदिवासी, कंचन आदिवासी और पार्वती आदिवासी की मृत्यु 10 से 12 वर्ष पूर्व हो चुकी है। 

जबकि ग्राम पंचायत ठेवला के सचिव श्यामबिहारी शर्मा ने शासकीय रिकॉर्ड में इनकी मृत्यु वर्ष 2014-15 में होना बताया है। उपरोक्त व्यक्तियों के नाम मनरेगा में वर्ष 2013 में दर्ज हैं। स्व. कंचन आदिवासी एवं श्रीमति गुड्डी आदिवासी पत्नि सुजान आदिवासी की मृत्यु के संबंध में कंचन की पत्नि बैजयंती आदिवासी ने अपने कथन में बताया कि मेरे पति की मृत्यु 15 वर्ष पूर्व हो चुकी थी तथा मेरी बहू गुड्डी आदिवासी की मृत्यु 8 से 9 वर्ष पूर्व हुई थी। 

पंचायत द्वारा हमें कोई मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं दिया गया है। उस समय बिंदा जाटव सरपंच और विनोद शर्मा पंचायत सचिव थे। कंचन आदिवासी पुत्र बलदेव आदिवासी की मृत्यु के संबंध में थाना गोवर्धन का रोजनामचा क्रमांक 4703 दिनांक 2 मार्च 2008 संल्गन किया गया। जिसमें कंचन आदिवासी के नाम से बंदूक होने से उनकी मृत्यु हो जाने के बाद उनके नाम से जारी बंदूक कंचन के पुत्र ओमप्रकाश द्वारा थाना गोवर्धन में जमा कराई गई थी। 

थाना गोवर्धन के अभिलेखों में दर्ज तहरीर से कंचन आदिवासी की मृत्यु वर्ष 2008 में होना पुष्ट पाई गई। बाबू आदिवासी की मृत्यु के संबंध में बाबू की पत्नि कमला आदिवासी द्वारा बताया गया कि मेरे पति की मृत्यु 10 से 12 वर्ष पूर्व हुई थी तथा उनके द्वारा कोई मजदूरी नहीं की गई थी एवं न ही उसे मजदूरी का पैसा मिला है। पति का मृत्यु प्रमाण पत्र पंचायत द्वारा नहीं दिया गया है। उस समय सचिव विनोद  शर्मा थे। 

पार्वती आदिवासी की मृत्यु के संंबंध में उनके पति द्वारा बताया गया कि उनकी पत्नि की मृत्यु 10 वर्ष पूर्व हो चुकी है। पंचायत द्वारा तालाब निर्माण में उसे मजदूरी पर दर्शाया गया है जो गलत है।