शासन की नई योजना:शौचालय विबिध वस्तु भंडार

शिवपुरी। वैसे तो शिवपुरी में अजीबों गरीब मामले अक्सर सामने आते रहे है। पर अब जो मामला सामने आया है उसे सुनकर आप भी हंसने को मजबूर हो जाएगे। मामला है स्वच्छ भारत अभियान के तहत निर्मित शौचालयों के उपयोग का। सरकार ने लोगों को पक्के टॉयलेट बनवाकर दिए थे, लेकिन लोगों ने उसे बतौर शौचालय इस्तेमाल करने के बजाय उनका वो इस्तेमाल किया कि देखकर प्रशासन की भी आंखे खुली की खुली रह गईं।
 
टॉयलेट में बना ली रसोईघर
स्वच्छ भारत अभियान के तहत शासन से 12 हजार रुपए लेकर बनाए शौचालय का उपयोग एक महिला रसोई घर के रूप में करती मिली। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने शौचालय से चूल्हा बाहर निकलवाकर परिजनों को निर्देश दिए कि वे टॉयलेट का उपयोग शौच के लिए ही करें, अन्यथा कार्रवाई की जाएगी। मामला शिवपुरी जिले के बदरवास के ग्राम कुंडाई का है।
 
बदरवास की ग्राम पंचायत बामौरखुर्द के कुंडाई गांव में गुरुवार सुबह जनपद सीईओ महेंद्र जैन व अन्य अधिकारी ये देखने पहुंचे कि शौचालय का उपयोग ग्रामीण कर रहे हैं या नहीं। इस दौरान लखन प्रजापति के घर में बने शौचालय पर नजर पड़ी तो उसमें धुआं निकल रहा था। वहां देखा तो शौचालय में बैठकर महिला रोटी बना रही थी। 

जब अधिकारियों ने पूछा कि शौचालय तो इसलिए बनाया गया कि खुले में शौच करने नहीं जाओ, लेकिन तुम तो इसमें रोटी बना रही हो। महिला बोली कि बाहर पानी टपक रहा था, इसलिए इसमें बैठकर खाना बना रहे हैं।
 
इन्होंने शौचालय में खोली दुकान
शिवपुरी के बदरवास में ही टॉयलेट के दुरपयोग करने का एक और मामला सामने आया है। बदरवास की ग्राम पंचायत सालोंन के ग्राम रेकुया में संगीता आदिवासी ने टॉयलेट में दुकान खोल ली। उसने बताया कि गांव में पानी की समस्या है और 3 किमी दूर से पानी भरकर लाते है, तो टॉयलेट के लिए में पानी कहां से लाएंगे। ऐसे में उन्होंने टॉयलेट को दुकान बना लिया।