एक सड़क का 2 बार पेमेंट : नपा शासन-प्रशासन एफआईआर कराने पहुंचा कोतवाली, बैरंग लौटाया

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शिवपुरी। भ्रष्टाचार की गण बन चुकी नगर पालिका में कई तरह के घोटाले समाने आ रहे है। कमीशन, बिना टेंडर के माल सप्लाई के बाद एक सडको के 2 बार भुगतान का मामला प्रकाश में आया है। आज वार्ड  क्रमांक 14 में पूर्व से निर्मित सडक़ों का पुन: 3 लाख 39 हजार 319 रूपए भुगतान लेने के मामले में आज नगरपालिका अध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह, उपाध्यक्ष अन्नी शर्मा और मुख्य नगरपालिका अधिकारी रणवीर कुमार एफआईआर लिखाने कोतवाली पहुंचे। 

नपा प्रशासन ने इस मामले में सहायक यंत्री सतीश निगम, उपयंत्री सुनील पांडे और शिवम कंस्ट्रक्शन कंपनी के ऑनर  अर्पित शर्मा के खिलाफ जांच रिपोर्ट भी पुलिस को सौंपी तथा उनके विरूद्ध धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज करने की मांग की। लेकिन कोतवाली पुलिस ने नपा के पूरे अमले को बैंरग लौटा दिया। कोतवाली पुलिस ने आवेदन तक नही लिया इस कारण एक आवेदन सीएमओ, नपाध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने एसपी शिवपुरी को आवेदन दिया है। वहीं पुलिस सूत्रों का कथन है कि चूंकि भुगतान माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के  क्रम में हुआ है इस कारण कार्यवाही करने का अधिकार भी किसी अन्य को नहीं, माननीय हाईकोर्ट को है। 

बताया गया है कि कोतवाली में नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह, उपाध्यक्ष अन्नी शर्मा, सीएमओ रणवीर कुमार और सहायक यंत्री आरडी शर्मा सडक़ों के पुर्नभुगतान मामले में आवश्यक दस्तावेज तथा आवेदन लेकर एफआईआर कराने कोतवाली पहुंचे। नगर निरीक्षक संजय मिश्रा की अनुपस्थिति में एएसआई जादौन ने एफआईआर लिखने से इंकार किया और कहा कि टीआई के निर्देशानुसार एफआईआर नहीं होगी और आवेदन भी नहीं लिया जाएगा। 

इसके बाद सीएमओ रणवीर कुमार ने मोबाइल से एसपी सुनील कुमार पांडे से बातचीत की और उन्हें पूरे मामले से अवगत कराते हुए एफआईआर दर्ज करने का अनुरोध किया। एसपी से नपाध्यक्ष कुशवाह ने भी बातचीत की। इस पर एसपी ने श्री जादौन से बातचीत की और श्री जादौन ने बताया कि एसपी साहब ने उन्हें अपने कार्यालय में आवेदन देने को कहा है। 

इसके पश्चात टीआई संजय मिश्रा ने श्री जादौन से बातचीत की और नपा पदाधिकारियों से कोतवाली में आवेदन देने को कहा, लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया। इसके बाद नपा पदाधिकारी और सीएमओ एसपी ऑफिस पहुंचे जहां एसपी के स्टेनो ने उनसे आवेदन ले लिया, लेकिन उन्हें एफआईआर के विषय में कोई आश्वासन नहीं मिला। 

जांच में ठेकेदार, सहायक यंत्री और उपयंत्री को ठहराया गया दोषी
इस मामले के उजागर होने के बाद नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह और प्रभारी सीएमओ गोविंद भार्गव ने जांच की और जांच में यह शिकायत सही पाई गई कि वार्ड क्रमांक 14 में पूर्व से निर्मित दो सडक़ों का 3 लाख 39 हजार 319 रूपए भुगतान ठेेकेदार अर्पित शर्मा ने प्राप्त कर लिया है। जबकि उन सडक़ों के निर्माण का भुगतान पहले ही निर्माता ठेकेदारों को कर दिया गया था। 

जांच में बताया गया है कि सहायक यंत्री सतीश निगम ने बताया कि उन्होंने ठेकेदार अर्पित शर्मा के अनुसार डीपी से गोपी के घर तक तथा द्वितीय गली दिनेश गुप्ता के मकान से राकेश पटवारी के मकान तक उक्त दोनों गलियों का सत्यापन किया है, लेकिन ठेेकेदार रामभरत धाकड़ ने बताया कि डीपी  से ओमी शर्मा के घर होते हुए डॉक्टर अवस्थी की 6 गलियों की सडक़ मेरे द्वारा डाली गई है। सबूत के तौर पर श्री धाकड़ ने संबंधित गलियों की फाइल एवं एमबी प्रस्तुत कर दी। 

जबकि द्वितीय गली दिनेश गुप्ता से राकेश गुप्ता पटवारी तक बनाई गई सडक़ के संबंध में आजाद जैन ठेकेदार ने बताया कि उक्त सडक़ मेरे द्वारा वर्ष 2006-07 में तत्कालीन नपाध्यक्ष जगमोहन सिंह सेंगर के कार्यकाल में डाली गई थी। जिसकी पुष्टि सब इंजीनियर आरडी शर्मा ने की थी। जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि उपरोक्त कथनों से स्पष्ट है कि सतीश निगम द्वारा बताई गई सडक़ों का निर्माण शिवम कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा न करते हुए रामभरत द्वारा कराया  गया है और मौके पर पंचनामा भी बना है। जबकि दूसरी सडक़ जिसका दोबारा भुगतान लिया गया है वह शिवम कंस्ट्रक्शन ने न बनाते हुए ठेकेदार आजाद जैन ने बनाई है। 

फर्जी भुगतान में सब इंजीनियर की संलिप्तता : जांच रिपोर्ट
नपाध्यक्ष और प्रभारी सीएमओ की जांच रिपोर्ट में फर्जी भुगतान में तत्कालीन उपयंत्री सुनील पांडे की संलिप्तता  पाई गई है। जांच रिपोर्ट में बताया गया कि पहले तो उपयंत्री ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम कि उन्होंने किन-किन सडक़ों का सत्यापन किया है और कहा याद होने के बाद में 3 से 4 घंटे में बता पाऊंगा, लेकिन इसके बाद वह न तो आए और न ही घर पर मिले और न ही उनका मोबाइल चालू रहा। 

उन्हे माप पुस्तिका उपलब्ध कराने के लिए सूचना पत्र जारी किया गया, लेकिन समय निकल जाने के बाद भी उन्होंने माप पुस्तिका उपलब्ध नहीं कराई। जिससे स्पष्ट होता है कि योजनाबद्ध तरीके से नगर हित की संस्था नगरपालिका में षडय़ंत्र पूर्वक ठेकेदार और सब इंजीनियर ने कूटरचित दस्तावेज तैयार कर राशि का आहरण किया है। 

इस मामले को लेकर न्यायालय में भी जाएंगे : नपा उपाध्यक्ष शर्मा
नपा उपाध्यक्ष अन्नी शर्मा ने बताया यदि पुलिस ने सडक़ों के पुर्नभुगतान के मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की तो वह न्यायालय में भी जाएंगे और  आरोपियों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कराएंगे। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार चाहे कोई भी करे वह उसे सहन नहीं करेंगे तथा हर स्तर पर उसका डटकर मुकाबला करेंगे। 

इनका कहना है- 
यह कहना गलत है कि पुलिस ने आवश्यक दस्तावेज होने के बावजूद एफआईआर नहीं लिखी। पहले नगरपालिका प्रशासन अपने स्तर पर जांच कराकर उसकी रिपोर्ट आवेदन के साथ संलग्न करे। जांच भी अधिकृत अधिकारी द्वारा होना चाहिए। जांच रिपोर्ट के बाद यह देखा जाएगा कि यह मामला लोकायुक्त के क्षेत्राधिकार का है या पुलिस के क्षेत्राधिकार का है। यदि यह प्रकरण लोकायुक्त के क्षेत्राधिकार का पाया गया तो उन्हें वहां जाने की सलाह दी जाएगी।
संजय मिश्रा कोतवाली शिवपुरी
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