शिक्षा विभाग : स्कूल कोई सा टीसी दे रहा है कोई और, सरेआम मांग रहा है रिश्वत, देखे वीडियो

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शिवपुरी। बैसे तो अपनी कारगुजा रीओ के लिए प्रसिद्ध शिक्षा विभाग के सरदार की मिली भगत से शिक्षा का व्यापार करने बाले जमकर फल फूल रहे है। इसका एक नहीं कई उदाहरण हैै। जहां प्रायवेट स्कूल संचालक अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे है। ऐसा ही एक मामला आज शहर में ही स्थिति एक स्कूल का प्रकाश में आया। शहर के मनियर में स्थित एसएनव्ही पब्लिक हाई स्कूल का सामने आया है। जिसमें इस स्कूल को मान्यता तो 10 वी तक की है मगर स्कूल में 12 वी तक की पढ़ाई करायी जाती है। 

मामला संज्ञान में तब आया जब आज एक ग्रामीण क्षेत्र की एक छात्रा ने वहाँ से 12 वी कक्षा पास की और अपनी अंकसूची ली और टीसी के लिए आवेदन कर दिया। दो दिवस बाद जब टी सी लेने उसका भाई स्कूल पहुंचा तो स्कूल प्राचार्य ने कहा की टी सी के 100 रूपए लगेंगे। तुरंत बाद वहां बच्ची के भाई ने मीडियाकर्मियों को इसकी सूचना दी और एक मीडियाकर्मी द्वारा तुरंत एक स्टिंग किया जिसमें इस स्कूल के प्राचार्य ने बोला की 100 नहीं 200 लगते है और वो आप परिचित के हो इसलिए 100 रुपए लिए हैं। इससे भी बड़ी बात तो तब सामने आई जब स्कूल प्राचार्य ने टी सी किसी तात्या टोपे स्कूल की पकड़ाई और बोले ये पैसे तो तात्या टोपे वालो को देने पड़ते है और हम क्या करे सभी पैसे लेते है, लेकिन पूरे घटना क्रम का वीडियो कैमरे में कैद हुआ।

सैकड़ों की संख्या में पढ़ते है 11वी और 12वी के छात्र/छात्रा इस विद्यालय में 
कैसे बिना मान्यता का खेल जारी है ये साफ साफ देखा जा सकता है इस वीडियो में जिसमे कैसे ये स्कूल संचालक बेधडक़ निडर बेख़ौफ़ होकर संचालित हो रहा है एक बिना मान्यता का हायर सेकंडरी स्कूल और बच्चो के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है।

कैसे होता है बिना मान्यता के स्कूलों में बच्चो का प्रवेश 
शिवपुरी के प्राइवेट स्कूल में एक तो खासियत है कि सब चीजों का ठेका उठा लेते है चाहे एडमिशन वाला उस समय कुछ भी कहे। ऐसा ही कुछ होता है स्कूलों की मान्यता के संबंध में जब 8वी और 10वी तक कि मान्यता से सारे काम 12 वी तक के हो जाते है है तो क्या दिक्कत है। आजकल स्कूल वाले 8 वी और 10वी तक कि मान्यता ले लेते है और फिर एक ऐसे स्कूल को ढूढते है जिस के पास 12 तक कि मान्यता हो मगर बच्चे न के बराबर हो और जिससे उससे 400 से 1000 रुपए साल में उससे डील हो जाती है और फिर चलता है बच्चो के भविष्य से खिलवाड़ का खेल वो होता है स्कूल को ठेके पद्धति और चलने वाले शिक्षा माफिया और बिना मान्यता वाले स्कूलो पर।

शासकीय शिक्षक का है यह प्राइवेट स्कूल 
सूत्रों की माने तो ये स्कूल भी एक शासकीय शिक्षक है जो शासकीय सेवा में शिक्षक के रूप कार्यरत है और एक प्राइवेट स्कूल भी संचालित कर रहा है। कैसे चला सकता है ये स्कूल। किसी दूसरे के नाम का उपयोग करके स्कूल का संचालन करना और उसको जनता के सामने अपना कहना और सूत्रों की माने तो शिक्षा विभाग के लगभग सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को पता है कि ये प्राइवेट स्कूल ........शासकीय शिक्षक का है। वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करें
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