मेघा अब तो बरस जा : किसानों की चिंताएं बढ़ी, गुरूद्वारे में इन्द्र देव के लिए हो रहे है भजन

शिवपुरी। अच्छी बरसात के लिए शहर में भजन और कीर्तन का दौर शुरू हो गया है। सूखे की आहट नजर आने लगी है और इससे आशंकित  होकर गुरूद्वारे में आज इंद्र देवता को मनाने के लिए अरदास तथा भजन कीर्तन का आयोजन रात्रि 8 बजे से किया गया। अन्य स्थानों पर भी पूजा पाठ का सिलसिला शुरू हो गया है ताकि बरसात के शेष बचे गिने चुने दिनों में ईश्वर की कृपा होकर इंद्र देवता खुलकर बरस जाएं। बरसात न होने से पेयजल संकट की आशंका गहराने लगी है वहीं फसलों पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। 

सिक्ख समाज से जुड़े अजीत बत्रा ने बताया कि अभी तक महज 35 प्रतिशत बरसात हुई है जबकि बरसात का पूरा सीजन लगभग समाप्त होने को है। 10-5 दिन में यदि बरसात नहीं हुई तो शिवपुरी के हालात विकराल हो जाएंगे और यहां के लोग पलायन करने पर मजबूर होंगे। ऐसी स्थिति में अब ईश्वर ही एक मात्र सहारा है और भगवान को मनाने के लिए सिक्ख समाज आज गुरूद्वारे में सामूहिक रूप से अरदास एवं पूजन कीर्तन किया गया ताकि ईश्वर की कृपा दृष्टि शिवपुरी पर बनी रहे तथा यहां बरसात से इंसानों के साथ साथ जानवरों को भी राहत मिल सके।

अभी महज 35 प्रतिशत वर्षा हुई है
शिवपुरी में औसत रूप से 816.3 एमएम बरसात होती है। पिछलेे वर्ष लगभग 1 हजार एमएम बरसात हुई थी, लेकिन अब जब वर्षा का सीजन समाप्ति की ओर है। अभी तक महज 35 प्रतिशत वर्षा ही रिकॉर्ड की गई है। आंकड़ों के दृष्टिकोण से 277.6 एमएम बरसात अभी तक हुई है। कम बरसात होने से अभी से पेयजल संकट गहराने लगा है तथा कई वार्डों में टैंकरों से पेयजल सप्लाई बंद कर दिए जाने के कारण वहां के नागरिक पेयजल के लिए परेशान हो रहे हैं। नगरपालिका के लगभग 475 ट्यूबवैलों में अभी से 50 से अधिक टयूबवैल ड्राई हो चुके हैं। वाटर लेबल भी लगातार नीेेचे जाता जा रहा है। 

अभी भी है उम्मीद की किरण : कलेक्टर राठी
सूखे की आशंका को देखते हुए कलेक्टर ने शिवपुरी जिले को जल अभावग्रस्त घोषित कर दिया है, लेकिन उनका कहना है कि कई बार जाते हुए मानसून में भी अच्छी वर्षा हो जाती है। अभी भी उम्मीद की किरण शेष है।