व्यापारियों के लिए समस्या नहीं समाधान है जीएसटी : कैट

शिवपुरी। ऐसा नहीं है कि जीएसटी(गुड्स सर्विस टैक्स) से किसी व्यापारी को परेशान किया जाए बल्कि जीएसटी तो वह है जिससे व्यापारियों समस्या समाधान हो और उसके लिए समाधान के रूप में जीएटी आया है बशर्तें इस इसके नियम और अध्ययन को समझा जाए तो यह आसानी से समझ आ जाएग, कई तरह के टैक्सों से मुक्ति दिलाकर एक ही टैक्स के रूप में व्यापारी को जो राहत जीएसटी ने दी है उससे देश के विकास में आप सभी व्यापारियों का भी योगदान होगा। 

इसमें ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है कि व्यापारी नगद बिक्री नहीं कर सकते लेकिन आयकर नियमों के अनुरूप वर्ष में 2 लाख से अधिक एवं 1 दिन में 10 हजार से अधिक का लेन-देन नहीं कर सकते। जीएसटी की यह समझाईश दी कॉन्फेडिरेशन ऑफ ऑल इंडिया टे्रडर्स(कैट) की शिवपुरी इकाई द्वारा होटल पीएस रेसीडेंस में संबंधित व्यापारियों की समस्याओं एवं शंकाओं के समाधान के लिए आयोजित कार्यशाला में वरिष्ठ टैक्स विशेषज्ञों ने, जो कार्यशाला में व्यापारियों के प्रश्रों का समाधान करते हुए उनके जबाब दे रहे थे। 

कार्यशाला में मुख्य रूप से कैट के प्रदेश सचिव भूपेन्द्र जैन, टैक्स विशेषज्ञ आलोक ढींगरा एवं एड.जे.सी.गोयल, कैट के शिवपुरी कॉर्डिनेटर समीर गांधी, कार्यक्रम संयोजक पवन जैन, ग्वालियर टीम के कॉर्डिनेटर दीपक पमनानी, कर सलाहकार पारस जैन, एड. शेखर सक्सैना, राहुल गंगवाल, चेम्बर ऑफ कॉमर्स के सचिव विष्णु अग्रवाल आदि मंचासीन थे। 

कार्यक्रम में वरिष्ठ टैक्स विशेषज्ञ आलोक ढींगरा एवं एड.जे.एस.गोयल ने उपस्थित व्यापारियों से वन-टू-वन चर्चा की तथा विभागीय दृष्टिकोण रखने के साथ व्यापारियों के सभी प्रश्रों का जीएसटी के प्रावधानों को लेकर समाधान किया। व्यावसाईयों की समस्या का समाधान करते हुए बताया कि जीएसटी लागू होने के बाद व्यापारियों के बी कई भ्रम व्याप्त है, उन्हें व्यर्थ की चिंताओं में नहीं पडऩा चाहिए, पहले जिन दुकानदारों का टर्नओवर कम था एवं प्रॉफिट अधिक तथा परन्तु जीएसटी लागू होने के बाद टर्नओवर अधिक हो गया है लेकिन लाभ का अनुपात कम हो गया है तो व्यापारियों को घबड़ाने की जरूरत नहीं है, ऐसे सभी मामलों में वाणिज्यकर विभाग व्यवहारिक रूप अपनाएगा एवं व्यापारियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं करेगा। 

उन्होनें बताया कि यदि दुकानदार का टर्नओवर 75 लाख रूपये से कम है तो वह कंपोजीशन स्कीम में जाकर एक फीसदी जमा कर सकता है उसे तिमाही रिटर्न भरना होगा, ऐसे व्यापारियों को माहवार रिटर्न भरने की आवश्यकता नहीं होगी। लेकिन ऐसे व्यापारियों को बिल पर कंपोजीशन स्कीम का ठप्पा लगाना होगा तथा अपनी दुकान के बाहर खुद के कंपोजीशन स्कीम व्यापारी होने का बोर्ड भी लगाना होगा। उन्होनें व्यापारियों से आह्वान किया कि ज्वैलरी का दस हजार से ज्यादा का माल चैक के जरिए ही लें। 

शिविर के प्रारंभ में कैट के राज्य सचिव भूपेन्द्र जैन ने बताया कि कैटी टीम द्वारा विगत दो वर्षों से देशभर में जीएसटी को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी.भरतिया ने जीएस्टी के संबंध में व्यापारियों को जागरूक करने के लिए काफी कार्य किया है। श्री जैन ने बताया कि कैट द्वारा लगाए जा रहे शिविरों व कार्यशालाओं में व्यापारियों की ओर से जो फीडबैक आएगा, उससे सरकार को अवगत कराया जाएगा, इसके बाद संशोधन की उम्मीद बंधेगी। कार्यशाला का संचालन कॉर्डिनेटर समीर गांधी ने जबकि आभार प्रदर्शन कार्यक्रम संयोजक पवन जैन पीएस द्वारा व्यक्त किया गया।