
किन्तु वहां के अतिक्रमण में रखे स्टॉलों का मलबा व प्याऊ का मलबा वहीं आज भी डला हुआ है। इसके कारण प्राचीन कुएं की रौनक को खत्म कर दिया गया है वहीं पर आसपास की महिलाओं के लिए पूजा स्थल मौजूद हैं और एक वहां 50 साल पुराना पीपल देवता का प्राचीन देवताओं की पूजा अर्चना करने के लिए हैं। अब वह महिलायें और धर्मप्रेमी उस मलवे के कारण जमा मलमूत्रों के बीच निकल जाना पड़ा रहा है। जिस कारण वहां संक्रमण रोग फैलने की आशंका बनी हुई है।
इस संबंध में वहां स्थानीय निवासियों ने मध्य प्रदेश के सीएम हेल्पलाईन जिसका नम्बर 4317003 पर रजिस्टर्ड शिकायत में कहा था कि वहां पर उक्त मलबा जो सड़ गया है वह नगर पालिका द्वारा नहीं हटाया जा रहा है। नगर पालिका ने औपचारिकता करने के लिए एक तशला नाली में पड़ी कीचड़ को हटाकर इतिश्री कर दी। आज इस मुख्य मार्ग पर दुर्गन्ध एवं मच्छरों के कारण वहां का आम आदमी एवं राहगीर भयंकर दु:खी है। उल्लेखनीय बात यह है कि उस मुख्य मार्ग से कलेक्टर, एडीएम, एसडीएम, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, अध्यक्ष एवं हेल्थ ऑफिसर दिन में दस बाज निकलते हैं लेकिन किसी को कुछ भी दिखाई नहीं देता है।