दादा की दादागिरी से कांग्रेसी परेशान, सांसद सिंधिया कि मुश्किलें बड़ी

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कोलारस - प्रदेश में भले ही कांग्रेस काबिज न हो लेकिन शिवपूरी जिले में कांग्रेसियो ने झंडे गाड़ रखे है। चाहे वह जिलापंचायत हो या, जनपद पंचायत, या नगर पालिका और नगर परिषद ज्यादातर सीटो पर कांग्रेसी डटे हुए है। शिवपुरी जिला पूरी तरह सिंधिया सर्मथक रहा है। और यहां के कार्यक्रता सिंधिया परिवार को अपना राजनीतिक गुरू मानते है। और सिंधिया परिवार से सच्ची निष्ठा रखते है। यहीं से उनहे राजनीती कि प्रेरणो भी मिलती है। लेकिन जैसे प्रदेश नेताओ के कई फड़ नजर आ रहे है। ऐसे ही शिवपुरी जिले में भी कांग्रेस में कलह झेलना पड़ रही है। 

ऐसे ही प्रदेश कि तरह जिलो में भी हालत खराब होने लगे है। इस बार कलह का कारण कोई और नही बल्कि कांग्रेस मुखिया खुद बना हुआ है। बताया जा रहा है। कि कांग्रेस जिलाध्यक्ष कि हरकतो से परेशान कांग्रसी धरातल पर निष्क्रीय तो है ही बल्कि जो गिने चुने है। वह भी बेकफुट पर जा रहे है। बताया जा रहा है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष एवं विधायक रामसिंह यादव द्वारा सार्वजनिक रूप से कई बाद कांग्रेसियो का अपना किया जा रहा है। ऐसे ही आक्रोषित लहजे से जिलाधयक्ष कई बार कई दिग्गज कार्यक्रताओ को अपना शिकार बना चुके है।

जिसमें अभी कुछ माह पूर्व ही रन्नौद विधानसभा प्रभारी अशोक चैधरी कि मौजूदगी में कांग्रेस जिलाध्यक्ष और जिला पंचायत सदस्य योगेन्द्र रघुवंशी (बंटी भैया) को भी मीटिंग के दौरान कड़े शब्दो का सामना करना पड़ा था जिसके बाद जिलाध्यक्ष और बंटी रघुवंशी में खूब तू तू में में हुई थी।

दूसरे मामले में लुकवासा में किक्रेट टूर्नामेंट में के दौरान जनपद अध्यक्ष और सांसद प्रतिनिधी हरिओम रघुवंशी कि अनदेखी को लेकर हरिओम रघुवंशी और जिलाध्यक्ष रामसिंह यादव के बीच टकराव कि स्थिती र्निर्मित हुई थी। जिसमें लुकवासा युवा नेता के ग्रह गांव में किक्रेट मैच होने के बाद उनहे नही बुलाया गया।

तीसरे मामले में कोलारस प्रवक्ता रफीक खांन से भी बीते दिनो जिला कांग्रेस कमेटी कि मीटिंग में एक शिकायत पर जिलाध्यक्ष भड़क गए और आगे कांग्रेस में दुखत परिणाम भुगतने की चेतावनी दे डाली प्रवक्ता ने सिर्फ इतना कहा था की काई भी मीटिंगो में उनहे नही बुलाया जाता जिस पर जिलाध्यक्ष ने उनहे खरी खोटी सुना दी और दुखत परिणाम भुगतने को कहा। 

साथ ही बीते दिनो ही कोलारस कार्यलय पर विधानसभा प्रभारी अशोक चैधरी कि मौजूदगी में हुई मीटिंग में जिलाध्यक्ष का गुस्सा एक बार फिर सर्कीय कार्यक्रता पर फूट पड़ा। पूरा मामला सदभावना यात्रा में सुझाव मांगने पर हुआ। जब कोलारस नपाध्यक्ष रविन्द्र शिवहरे द्वारा सुझाव दिया गया तो नपाध्यक्ष शिवहरे पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष विफर पड़े और सबके सामने आकोस्ति होते हुए कांग्रेस बाहर जाने का मौखिक फरमान सुना दिया। इससे भी मन नही भरा तो शिवहरे को अपना सबसे बड़ा प्रतिद्वंदी कह डाला। लेकिन विधायक कि गरीमा का सम्मान करते हुए नपाध्यक्ष रविन्द्र शिवहरे ने ज्यादा कुछ नही कहा।

ऐसे कई मामले है। एक तरफ कांग्रेस कि सदभावना यात्रा को सफल बनाने के नाम पर कांग्रेसियो में जान फूकी जा रही थी। इसी बीच कांग्रेस जिलाध्यक्ष एवं विधायक रामसिंय यादव के तानाशाही रवैये से परेशान कांग्रेसियो कि और सांसद सिंधिया कि मुश्किले बड़ने लगी है। बताया जाता है पिछली बातो को अभी लोग भूले ही नही थे इसी दौरान दुसरा मामला सामने आ गया। कार्यक्रताओ को सार्वजर्निक रूप से कहे अपशब्दो को लेकर कांग्रेसी कार्यक्रताओ में आक्रोस सामने आने लगा है। साथ ही कांग्रेस में वगावत के सुर उठने लगे है। अंदाजा लगाया जा रहा है कोलारस विधानसभा में कांग्रेस द्वारा की जा रही सदभावना यात्रा में कोलारस नपाध्यक्ष रविन्द्र शिवहरे उनके सहयोगियो सहित कोलारस के सेंकड़ो कार्यक्रताओ ने दुरी बना ली है। 

लेकिन एक बात तो तय है। इन पूरी घटनाओ को लेकर जिलाध्यक्ष के खिलाफ कार्यक्रताओ में रोष व्याप्त है। अगर ऐसे ही चलता रहा तो कांग्रेसी कार्यक्रता पार्टी से दूरी बना लेंगे और कांग्रेस को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। जिससे कांग्रेस को तो नुकसान होगा ही सबसे ज्यादा नुकसान सांसद सिंधिया को पहुंचेगा। फिलहाल यह पुरा मामला सांसद सिंधिया तक पहुंच गया है। अब देखना यह है। कि मामला क्या रंग लेकर आता है। 

इनका कहना है - 
सदभावना रैली में नही आने का ऐसा कोई मामला नही है में अभी किसी जरूरी काम से बाहर हुं। ऐसी कोई बड़ी बात नही है। दादा हमारे बड़े है बुजुर्ग है उनहे हमसे कहने का पूरा हक है। घर कि बात है। मामला घर में ही सुलझा लिया जाएगा। रविन्द्र शिवहरे - नपाध्यक्ष कोलारस -

जिलाध्यक्ष जी और रविन्द्र शिवहरे जी के बीच ऐसी कोई बात नही हुई है। मीटिंग मेरी अध्यक्षता में हुई थी। छोटी मोटी बाते है होती ही है। जहां तक रहा सवाल रविन्द्र शिवहरे का सदभावना रैली में नही आने का वह कल मीटिंग में आऐंगे अपने सहयोगियो के साथ। वह अभी किसी काम से बाहर गए हुए है। अशोक चौधरी - विधानसभा प्रभारी कोलारस -

में मीटिंग में मौजूद नही था लेकिन जैसे ही मुझे मालूम चला कि कोलारस नगर परिषद अध्यक्ष के साथ जिलाध्यक्ष जी से गलत बर्ताब किया है। में उस घटना से क्षुब्य हुं और में और मेरे सहयोगी पूर्ण रूप से रविन्द्र शिवहरे के साथ है। वह कांग्रेस के सच्चे सिपाही है। ऐसी घटनाऐ पहले भी सामने आई है। हम जिलाध्यक्ष के इस बर्ताब का पुरजोर विरोध करते है। हरिओम रघुवंशी ज.प. सांसद प्रतिनिधी - 
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