जानकारी के अनुसार छात्र नाईक को शिकायत यह थी कि एबीव्हीपी ने महाविद्यालय की दीवारों पर अपने संगठन के स्लोगन लिख दिए हैं तथा छात्रों को वह एबीव्हीपी ज्वॉइन करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इस पर श्री नाईक ने प्राचार्य को अल्टीमेटम दिया था कि एबीव्हीपी से जुड़े छात्रों को बर्खास्त किया जाए तथा दीवारों पर एबीव्हीपी के पक्ष में जो लेखन है उसे पोता जाए।
लेकिन ऐसा न होने पर श्री नाईक आज अपने समर्थक छात्रों के साथ प्राचार्य कक्ष में पहुंचे और उन्होंने उग्र स्वर में नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद मिट्टी का तेल अपने शरीर पर डालकर उन्होंने आग लगाने की कोशिश की। इस घटनाक्रम के बाद बताया जाता है कि प्राचार्य ने आश्वासन दिया है कि एबीव्हीपी के पक्ष में दीवार लेखन साफ किया जाएगा।