
हांलाकि इस घटनाक्रम के बाद जिला चिकित्साल प्रबंधन इस डॉक्टर का पक्ष लेता नजर आया। जबकि दौषी डॉक्टर इस मामले में अपनी गलती स्वीकार कर चुका है। और डॉक्टर ने मान लिया था कि उससे गलती हुई है। उसके बाद भी जिला चिकित्सालय प्रबंधन इस मामले में डॉक्टर पर मेहरवान होते हुए शिकायत करने पर टीम बनाकर जांंच करने की बात कहते नजर आए।
बैसे हुआ यू कि हेमंत शाक्य की नानी पिछले तीन दिन पूर्व सिढ़ी से गिर गई थी। इस कारण उनका कूले में अंदरूनी चोट बताई जिस पर हेमंत ने अपनी नानी विद्या बाई शाक्य को चिकित्सक के पास ले गए जहां पर उन्होंने नानी एक्सरे रिपोर्ट तैयार कराई तो उसमें कूला फैक्चर बताया जिस पर चिकित्सक ने उससे कूले के ऑपरेशन के 8 हजार रूपए की मांग की और सुबह जिला चिकित्सालय में आने के लिए कहा जिस पर हेमंत शाक्य आज अपनी नानी को लेकर जिला अस्पताल आ गया।
जहां विद्या शाक्य को चिकित्सक ने बैगर देखे हेमंत से ऑपरेशन विद्या को ब्लड की आवश्यकता पड़े जिस पर हेमंत ने ब्लड की तत्काल व्यवस्था की और चिकित्सक के कहे अनुसार सुविधा शुल्क भी दी। इसके बाद चिकित्सक ने ऑपरेशन थ्रेटर में लेकर महिला का बगैर एक्सरे रिपोर्ट देखे कूले की जह पैर का ऑपरेशन कर डाला।
इनका कहना है-
बैसे जिला चिकित्सालय के मामले में तो बैसे ही मामले को तूल दिया जाता है। इसमें डॉक्टर की गलती नहीं है डॉक्टर ने दो दिन बाद ऑपरेशन की बोला था। फिर तत्काल ऑपरेशन के दवाब को लेकर यह मामला उठाया गया है। डॉक्टर ने अपनी गलती स्वीकार की है यह मेरी जानकारी में नही है। डॉक्टर मुझे मिला नहीं है। फिर भी कोई इस मामले में शिकायत करता है तो टीम बनाकर मामले की जांच कराई जाएंगी। जो भी दोषी होगा उस पर कार्यवाही की जाएगी।
डॉ एसएस गुर्जर, आरएमओ जिला चिकित्सालय शिवपुरी।