
मुनिश्री ने प्रवचन देते हुए बताया 1 बूँद पानी में 36450 त्रस जीव होते हैं। जब हम नहाने हाते हैं तो असंख्यात जीवों की हिसा होती है। मुनि श्री कहते हैं कि अगर हम इस भावना के साथ स्नान करते हैं कि दर्शन करने जा रहे हैं तो हिंसा से हुआ पाप 2 प्रतिशत रह जाता है। मुनिश्री प्रतिदिन प्रात: काल 6 बजे से बेरसिया रोड फोरलाईन पर योगा का अभ्यास करा रहे हैं जिसमें सभी वर्ग के बच्चे-बूड़े, युवा भाग ले रहे हैं।
सभी को योगा से होने वाले लाभ से अवगत करा रहे हैं। मुनिश्री मानव शरीर के सभी अंगों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। प्रतिदिन चल रहे योगा अभ्यास में जनसंख्या एक सैंकड़ा से ऊपर पहुँच गयी है और दिन-प्रतिदिन बड़ती ही जा रही है। मुनिश्री के चातुर्मास के चलते मंदिर जी पर दैनिक रूप से प्रात: 7 बजे से अभिषेक, नित्यनियम पूजन, मुनिश्री के मुखारविन्द से शान्तिधारी, मुनिश्री के प्रवचन एवं दोपहर 3 बजे शास्त्र कक्षा एवं सायं 6 बजे से गुरुभक्ति, आरती एवं भक्तामर पाठ चल रहे हैं। मुनिश्री के चातुर्मास का लाभ कोलारस जैन समाज ही नहीं बल्कि सभी समुदाय के लोग ले रहे हैं।