
कॉलेज में चल रही अनेक संगठनों की तानाशाही एवं गुंडागर्दी प्रतिदिन किसी ना किसी प्रकार के जुलूस आदि निकालते थे जिसके कारण कॉलेज के छात्र छात्राओं को अपनी शिक्षा ग्रहण करने में बाधा उत्पन्न होती थी। जब इन सब कारनामों की सूचना सत्यम नायक को मिली तब वह अपने सभी मित्रों एबं साथियो के सतज कॉलेज पहुंचकर इन सब संगठनों का विरोध किया और प्राचार्य जी से ज्ञापन देते हुए निवेदन किया की कॉलेज में किसी भी प्रकार की राजनैतिक सभा जुलूस रैली ना निकाली जाए।
जिस पर कॉलेज प्रशासन ने फैसला लिया और कॉलेज में चल रहे असमाजिक संघटनो को आदेश दिया की वह किसी भी प्रकार का जुलुस रैली राजनेतिक कार्यक्रम कॉलेज में न करे अगर बह फिर भी करते है तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।